"मधुकरसाह बुन्देला": अवतरणों में अंतर

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राजा मधुकरसाह बुंदेला के पिता प्रतापरुद्र या रुद्रप्रताप ने ओड़छा नगर की नींव डाली। मधुकरसाह ने सत्तारूढ़ होकर आस-पास की छोटी छोटी बस्तियों को अपने अधिकार में कर लिया। स्वाभिमान के कारण इसने मुगल सम्राट् अकबर के विरुद्ध विद्रोह कर दिया। अकबर ने इसके विरुद्ध सादिक खॉ हर्वी और राजा आसकरण को भेजा। युद्ध में परास्त होकर मधुकर ने आत्मसमर्पण कर दिया। जब मालवा का सेनाध्यक्ष शहाबुद्दीन अहमद खाँ मिर्जा कोका के साथ दक्षिण की चढ़ाई पर नियुक्त हुआ, तो इसे भी साथ भेजा गया, किंतु इसने अजीज कोका का साथ नहीं दिया। इसपर शहाबुद्दीन अहमद खाँ ने इसे दंड देना निश्चित किया। बाद में यह पुन: राजा आसकरन की मध्यस्थता से राजी हुआ। लेकिन सेना के पास पहुँचते ही जैसे इसमें फिर से उन्माद आया, और यह भाग खड़ा हुआ। इसकी सारी संपत्ति लूट ली गई। किसी प्रकार फिर दरबार में आया, और राजकुमार की सेवा में नियुक्त हुआ। 1592 में इसकी मृत्यु हो गई।