"स्मृति (मनोविज्ञान)": अवतरणों में अंतर

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==स्मृति युक्तियां==
हम अपने आस-पास ऐसे अनेक लोगों को देखते हैं जिनकी स्मृति क्षमता बहुत अच्छी होती है। कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो कि अपने भुलक्कड़ स्वभाव के कारण जाने जाते हैं। हम में से सभी सोचते हैं कि हमारी यादाश्त क्षमता बढ जाए तो कितना अच्छा हो। एक अच्छी यादाश्त का मुख्य लक्षण है कि यह सभी संबंधित बातों को क्रमबद्ध रूप से व्यवस्थित करे और आवश्यकता पड़ने पर तुरंत ही इनकी उपलब्धता सुनिश्चित करे। कुछ ऐसी दवाइयां उपलब्ध हैं जिनसे गंभीर रूप से भूलने की स्थिति में सहायता मिलती है। लेकिन इन दवाइयों का प्रयोग विशेष स्थितियों में ही करना चाहिए। हम कितनी अच्छी तरह से याद करते और सीखते हैं यह काफी कुछ हमारे भावनात्मक स्थिति पर निर्भर करता है। सीखने और समझने के लिए प्रेरणादायक वातावरण हमेशा ही लाभप्रद होता है। हम तब भी बेहतर तरीके से सीख पाते हैं जब हम ध्यान देते हैं। यह भी आवश्यक है कि सूचना को किस प्रकार कोड किया जा रहा है। इसका भंडारण और समेकन (storage and integration) किस प्रकार हो रहा है और इसका पुनः स्मरण (retrieval) कैसे हो रहा है। एक अच्छी स्मृति के लिए इन सारी क्रियाओं का सुचारु रूप से होना आवश्यक है।<br />
स्मृति युक्तियां ऐसी व्यवहारिक विधियां हैं जिनसे स्मृति क्षमता एक हद तक बढ़ाई जा सकती है। हम जाने अनजाने में किन्हीं चीजों को याद करने के लिए इनका प्रयोग भी करते हैं। नेपोलियन के बारे में यह कहा जाता है कि उसे अपनी सेना के प्रत्येक अधिकारी का नाम याद था। इस तरह की विलक्षण स्मृति क्षमता वाले लोग दिखाई देते हैं जिन्हें बहुत सारे वर्षों का पंचांग याद रहता है। अब यह प्रश्न उठता है कि एक सामान्य व्यक्ति के याद करने के तरीके और विशिष्ट स्मृति संपन्न लोगों के तरीकों में क्या अंतर होता है? शोधों द्वारा देखा गया है कि अलग-अलग व्यक्तियों में सूचनाओं के कोडीकरण, संग्रहण और स्मरण का तरीका थोड़ा अलग हो सकता है। एक अच्छी स्मृति या तो जन्मजात प्रतिभा हो सकती है या बाद में साधारण लोगों द्वारा भी कुछ विशेष विधियों का प्रयोग कर के सीखी जा सकती है। जन्मजात रूप से उच्च स्मृति क्षमता वाले व्यक्तियों में स्मृतियों की प्रक्रिया थोड़ी जटिल होती है। ऐसा देखा गया है कि ऐसे लोगों मे कुछ के पास साइनेस्थेसिया (Synaesthesia) के लक्षण भी होते हैं। साइनेस्थेसिया को समझाने के लिए कहा जा सकता है कि ऐसे लोग ध्वनि को सुनने के साथ साथ देखते और दृश्यों को देखने के साथ सुनते भी हैं। अतः कुछ देखने के लिए वे मस्तिष्क की दृश्य क्षमता के साथ-साथ श्रवण क्षमता का भी प्रयोग कर सकते हैं। उदाहरण के लिए एक कोमल मधुर ध्वनि उनके लिए एक सुंदर रंगों का समूह भी हो सकता है और एक कठोर ध्वनि के लिए गहरे तेज चुभते हुए रंग भी हो सकते हैं। साइनेस्थेसिया के लक्षण और भी संवेदी क्षमताओं जैसे स्पर्श, घ्राण इत्यादि के लिए भी हो सकते हैं। <br />
स्मृति को प्रभावशाली बनाने के लिए अन्य भी बहुत सारी स्मृति युक्तियां प्रयोग की जाती हैं। जैसे पहले से संग्रहित स्मृति को नई सूचना से जोड़ कर याद करना, समान सूचनाओं को एक साथ रख कर याद करना, किसी भी सूचना को रुचिकर कथा के रूप में बदल कर याद करना इत्यादि। जटिल पाठ्य सामग्री को समझने के लिए एक और विधि SQ3R (Survey, Question, Read, Recite, Review) बहुत ही उपयोगी होती है। इसमें पहले पाठ्य सामग्री का मन में एक खाका तैयार करते हैं, फिर खुद से ही उस पर “क्या, क्यों और कैसे” आधारित कुछ प्रश्न बनाते हैं। अब इन प्रश्नों को ध्यान में रखते हुए पाठ्य सामग्री को ध्यान पूर्वक पढ़ा जाता है और फिर उसे क्रम से दुबारा पढ़ते हैं। अंत में पाठक द्वारा इसकी समीक्षा की जाती है। <br />
अच्छी स्मृति के लिए अच्छा मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य जरूरी है। इसके साथ ही जो पढा जा रहा है उससे भावनात्मक लगाव भी आवश्यक है। कुछ एकाग्रता बढ़ाने वाली विधियां जैसे कि ध्यान और प्राणायाम आदि भी स्मृति की क्षमता बढ़ाने में बहुत उपयोगी सिद्ध हुई हैं।