"उत्प्रेरण": अवतरणों में अंतर

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[[Imageचित्र:Heterogeneous cat.JPG|thumb|right|292px| ठोस विषमांगी उत्प्रेरक (जैसे कि आटोमोबाइलों में प्रयुक्त उत्प्रेरकीय कन्वर्टर) की लेप एक अन्य ठोस पर लगायी जाती है जो इस उत्प्रेरक के पृष्ठ क्षेत्र को अधिकतम कर देता है।]]
 
जब किसी [[रासायनिक अभिक्रिया]] की गति किसी पदार्थ की उपस्थिति मात्र से बढ जाती है तो इसे '''उत्प्रेरण''' (Catalysis) कहते हैं। जिस पदार्थ की उपस्थिति से अभिक्रिया की गति बढ जाती है उसे '''उत्प्रेरक''' (catalyst) कहते हैं। उत्प्रेरक अभिक्रिया में भाग नहीं लेता, केवल क्रिया की गति को प्रभावित करता है।
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औद्योगिक रूप से महत्वपूर्ण रसायनों के निर्माण में उत्प्रेरकों की बहुत बड़ी भूमिका है क्योंकि इनके प्रयोग से अभिक्रिया की गति बढ जाती है जिससे अनेक प्रकार से आर्थिक लाभ होता है और उत्पादन तेज होता है। इसलिये उत्प्रेरण के क्षेत्र में अनुसंधान के लिये बहुत सा धन एवं मानव श्रम लगा हुआ है।
 
== परिचय ==
सर्वप्रथम सन् 1835 में, बर्जीलियस ने कुछ रासायनिक क्रियाओं की और ध्यान आकृष्ट किया जिनमें कतिपय बाह्म पदार्थो की उपस्थिति में क्रिया की गति तो तीव्र हो जाती थी किंतु बाह्म पदार्थ उस क्रिया में कोई भाग नहीं लेता था। उदारहरणार्थ यदि इक्षु शर्करा (केन शुगर) को अम्लों की उपस्थिति में गरम करें तो वह बड़ी शीघ्रता से ग्लूकोस तथा फ्रुक्टोस में परिवर्तित हो जाती है। इस क्रिया में अम्ल कोई भाग नहीं लेता। वह पुन: काम में लिया जा सकता है। बर्जीलियस ने इस क्रिया को "उत्प्रेरण" की संज्ञा दी तथा उन पदार्थो को "उत्प्रेरक" (कैटालिस्ट अथवा "कैटालिटिक एजेंट") के नाम से पुकारा जिनकी उपस्थिति में क्रिया वेग से होने लगती है। ओस्टवाल्ड ने उत्प्रेरक पदार्थो की परिभाषा इस प्रकार दी है: ""उत्प्रेरक उस पदार्थ को कहते हैं जो किसी रासायनिक क्रिया के वेग को बदल दे, परंतु स्वयं क्रिया के अंत में अपरिवर्तित रहता है, अत: उसे पुन: काम में लाया जा सकता है। अधिकांश क्रियाओं में उत्प्रेरक प्रतिक्रिया की गति को बढ़ा देता है। ऐसे उत्प्रेरकों को धनात्मक उत्प्रेरक कहते है; परंतु कुछ ऐसे भी उत्प्रेरक है जो रासायनिक क्रिया की गति को मंद कर देते हैं। ऐसे उत्प्रेरक ऋणात्मक उत्प्रेरक कहलाते हैं।
 
== उत्प्रेरण की विशेषताएँ ==
उत्प्रेरण की मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:
 
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5. प्रत्येक रासायनिक क्रिया में कुछ विशिष्ट उत्प्रेरक ही कार्य कर सकते हैं। अभी तक वैज्ञानिकों के लिए यह संभव नहीं हो सका है कि वे सभी रासायनिक क्रियाओं के लिए किसी एक ही उत्प्रेरक को काम में लाएँ। यह आवश्यक नहीं कि किसी एक क्रिया का उत्प्रेरक किसी दूसरी क्रिया को भी उत्प्रेरित करे।
 
== उत्प्रेरण क्रियाओं के प्रकार ==
प्राय: सभी उत्प्रेरित क्रियाओं को दो भागों में बाँटा जा सकता है: (1) समावयवी उत्प्रेरित क्रियाएँ (समावयवी उत्प्रेरण); (2) विषमावयवो उत्प्रेरित क्रियाएँ (विषमावयवी उत्प्रेरण)।
 
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'''आत्म उत्प्रेरक'''-कुछ प्रतिक्रियाएँ ऐसी भी ज्ञात हैं जिनमें प्रतिक्रया से ही उत्पन्न कोई पदार्थ प्रतिक्रिया के लिए उत्प्रेरक का कार्य करता है। उदाहरणार्थ, एथिल ऐसिटेट के जलविच्छेदन में जो ऐसीटिक अम्ल प्राप्त होता है, वही एस्टर के जलविच्छेदन की क्रिया को उत्प्रेरित करता है।
 
== उत्प्रेरण के सिद्धांत ==
यद्यपि उत्प्रेरण को समझने समझाने के लिए बहुत पहले से अध्ययन होते चले आ रहे हैं, तथापि इस विषय में अभी अंतिम निष्कर्ष नहीं निकला है। वैज्ञानिक इसपर एकमत हैं कि सभी उत्प्रेरक एक ही सिद्धांत के अनुसार क्रिया नहीं करते । उत्प्रेरण की व्यवस्था के लिए दो सिद्धांत काम में लाए जाते हैं। (1) मध्यवर्ती यौगिक सिद्धांत; (2) अधिशोषण सिद्धांत।
 
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अब उपर्युक्त दोनों सिद्धांतों को मिलाकर एक नया सिद्धांत प्रतिपादित किया गया है। इसके अनुसार उत्प्रेरक पदार्थ के तल पर कुछ सक्रिय केंद्र होते हैं। इन केंद्रों में अणुओं या परमाणुओं को अधिशोषित करने की क्षमता होती है। अत: धातु के तल पर प्रतिकर्मकों के घनी भूत होने से साद्रंता तो बढ़ती ही है, जिसके कारण क्रियावेग में वृद्धि होती है, साथ ही इन सक्रिय केंद्रों पर प्रतिकर्मक इनके साथ अस्थायी यौगिक भी बना लेते हैं, जो मध्यवर्ती यौगिक सिद्धांत के अनुसार उत्प्रेरण का कार्य करते हैं।
 
== एंज़ाइमों द्वारा उत्प्रेरण ==
[[एंजाइम]] जटिल कार्बनिक पदार्थ होते हैं जो पौधों या प्राणियों से प्राप्त किए जाते हैं। ये अधिकांश प्रतिक्रियाओं में अत्युत्म उत्प्रेरक सिद्ध हुए हैं। पेड़ पौधों में होनेवाली लगभग सभी क्रियाओं में एंजाइम उत्प्रेरक का कार्य करते हैं। इसके अतिरिक्त हमारे शरीर में होनेवाली क्रियाओं, विशेषता भोजन के पाचन में भी एंजाइम उत्प्रेरक का काम करते हैं।
 
== उपयोग ==
औद्योगिक तथा रासायनिक क्रियाक्षेत्र में उत्प्रेरक बहुत ही उपयोगी सिद्ध हुए हैं। नाइट्रोजन का स्थिरीकरण उत्प्रेरित क्रियाओ का एक साधारण उदाहरण है। पेड़ पौधों के लिए स्थायी नाइट्रोजन की उपलब्धि नाइट्रेट या अमोनिया के रूप में होती है। नाइट्रोजन के ये दोनों ही रूप उत्प्रेरको की सहायता से निर्मित होते रहते हैं।
 
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== वाह्य सूत्र ==
 
* [http://scienceaid.co.uk/chemistry/inorganic/catalysis.html Science Aid: Catalysts] Page for high school level science
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* [http://www.biw.kuleuven.be/ifc/cok/home.htm Centre for Surface Chemistry and Catalysis]
* [http://www.udec.cl/~carbocat Carbons & Catalysts Group, University of Concepcion, Chile]
 
 
[[श्रेणी:रसायन शास्त्र]]
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[[da:Katalysator (kemi)]]
[[de:Katalysator]]
[[el:ΚαταλύτηςΚατάλυση]]
[[en:Catalysis]]
[[eo:Katalizilo]]