"महाभारत": अवतरणों में अंतर
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== महाभारत: अनुपम काव्य ==
महाभारत में १६,३७५ श्लोकों का एक उपसंहार भी बाद में जोड़ा गया था जिसे [[हरिवंशपर्व]] कहा जाता है। इस अध्याय में विशेष कर भगवान श्रीकृष्ण के बारे में वर्णन है।
महाभारत के दक्षिण एशिया मे कई रूपान्तर मिलते है, [[इण्डोनेशिया]], [[श्रीलंका]], [[जावा द्वीप]], [[जकार्ता]], [[थाइलैंड]], [[तिब्बत]], बर्मा ([[म्यान्मार]]) में महाभारत के भिन्न-भिन्न रूपान्तर मिलते है। दक्षिण भारतीय महाभारत मे अधिकतम १,४०,००० श्लोक मिलते है, जबकि उत्तर भारतीय महाभारत के रूपान्तर मे १,१०,००० श्लोक मिलते है।
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# [[भगवद गीता]] श्री कृष्ण द्वारा '''भीष्मपर्व''' में [[अर्जुन]] को दिया गया उपदेश।
# [[दमयन्ती]] अथवा नल दमयन्ती, '''अरण्यकपर्व''' में एक प्रेमकथा
# कृष्णवार्ता : भगवान श्री कृष्ण की कहानी।
# राम रामायण का अरण्यकपर्व में एक संक्षिप्त रूप।
# ॠष्य ॠंग एक ॠषि की प्रेमकथा।
# [[विष्णुसहस्रनाम]] [[विष्णु]] के १००० नामों की महिमा '''शांतिपर्व''' में।
महाभारत की कथा में एक साथ बहुत सी कथाएँ गुंफित हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख कथायें निम्नलिखित हैं:-
*सबसे प्रमुख कहानी [[कर्ण]] की कहानी है। कर्ण एक महान योद्धा थे किन्तु अपने गुरू से अपनी पहचान छुपाने के कारण उनकी शक्ति गौण हो गयी थी।
*भीष्म की कहानी जिन्होंने अपना राजपाट अपने पिता के कारण त्याग दिया था, क्योंकि उसके पिता ने एक मछुआरे की कन्या से विवाह किया था। भीष्म ने आजीवन [[ब्रह्मचर्य]] की प्रतिज्ञा ली थी और उन्हें अपने पिता [[शान्तनु]] से इच्छा मृत्यु का वरदान प्राप्त हुआ था।
*[[भीम]] की कहानी, जो पाँच पाण्डवों में से एक थे और अपने बल और स्वामिभक्ति के कारण जाने जाते थे।
*[[युधिष्ठिर]] की कहानी: युधिष्ठिर जो पांचों पाण्डवों मे सबसे बड़े थे उन्हें '''धर्मराज''' के नाम से जाना जाता है। कहा जाता है कि उन्होंने कभी जीवन में झूठ का सहारा नहीं लिया और महाभारत के मध्य कैसे केवल एक झूठ के कारण कैसा परिणाम भुगतना पड़ा था।
== आधुनिक महाभारत ==
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