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{{आज का आलेख}}{{Infobox Person
| name = ऑरविल राइट
| image = Orville Wright.jpg
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}}
'''राइट बंधु''' ('''अंग्रेजी''': ''Wright brothers''), '''ऑरविल''' ([[अंग्रेजी]]: ''Orville'', [[१९ अगस्त]], [[१८७१]] &ndash; ३० जनवरी, [[१९४८]]) और '''विलबर''' ([[अंग्रेजी]]: ''Wilbur'', ''[[१६ अप्रैल'']], [[१८६७]] &ndash; [[३० मई]], [[१९१२]]), दो [[अमरीका|अमरीकन बंधु]] थे जिन्हें [[हवाई जहाज]] का आविष्कारक माना जाता है।<ref>[http://www.nasm.si.edu/wrightbrothers/ स्मिथसोनियन संस्थान, "द राइट ब्रदर्स & द इन्वेन्शन ऑफ द एरियल एज"]</ref><ref>मेरी एन जॉनसन। [http://www.libraries.wright.edu/special/symposium/Johnson.html ऑन द एविएशन ट्रेल इन द राइट ब्रदर्स; वेस्ट साइड नेबरहुड इन डेयटन, ओहियो] राइट स्टेट युनिवर्सिटी, २००१</ref><ref name= "BBC News">[http://news.bbc.co.uk/2/hi/special_report/1998/11/98/great_balloon_challenge/299568.stm "फ्लाइंग थ्रु द एजेज़"] ''बीबीसी न्यूज़'', मार्च १९, १९९९। अभिगमन तिथि: १७ जुलाई, २००९</ref> इन्होंने [[१७ दिसंबर]] [[१९०३]] को संसार की सबसे पहली सफल मानवीय हवाई उड़ान भरी जिसमें हवा से भारी विमान को नियंत्रित रूप से निर्धारित समय तक संचालित किया गया। इसके बाद के दो वर्षों में अनेक प्रयोगों के बाद इन्होंने विश्व का प्रथम उपयोगी दृढ़-पक्षी विमान तैयार किया। ये प्रायोगिक विमान बनाने और उड़ाने वाले पहले आविष्कारक तो नहीं थे, लेकिन इन्होंने हवाई जहाज को नियंत्रित करने की जो विधियाँ खोजीं, उनके बिना आज का वायुयान संभव नहीं था।
 
इस आविष्कार के लिए आवश्यक यांत्रिक कौशल इन्हें कई वर्षों तक [[प्रिंटिंग प्रेस]], [[बाइसिकल]], [[मोटर]] और अन्य कई मशीनों के साथ काम करते करते मिला। बाइसिकल के साथ काम करते करते इन्हें विश्वास हो गया कि वायुयान जैसे असंतुलित वाहन को भी अभ्यास के साथ संतुलित और नियंत्रित किया जा सकता है।<ref>क्राउश २००३, पृ. १६९</ref> [[१९००]] से [[१९०३]] तक इन्होंने [[ग्लाइडर|ग्लाइडरों]] पर बहुत प्रयोग किये जिससे इनका [[पायलट]] कौशल विकसित हुआ। इनके बाइसिकल की दुकान के कर्मचारी चार्ली टेलर ने भी इनके साथ बहुत काम किया और इनके पहले यान का इंजन बनाया। जहाँ अन्य आविष्कारक इंजन की शक्ति बढ़ाने पर लगे रहे, वहीं राइट बंधुओं ने आरंभ से ही नियंत्रण का सूत्र खोजने पर अपना ध्यान लगाया। इन्होंने वायु-सुरंग में बहुत से प्रयोग किए और सावधानी से जानकारी एकत्रित की, जिसका प्रयोग कर इन्होंने पहले से कहीं अधिक प्रभावशाली पंख और [[प्रोपेलर]] खोजे।<ref>जैकब १९९७, पृ. १५६</ref><ref>क्राउश २००३, पृ.२२८</ref> इनके [[पेटेंट]] (अमरीकन पेटेंट सं. ८२१, ३९३) में दावा किया गया है कि इन्होंने वायुगतिकीय नियंत्रण की नई प्रणाली विकसित की है जो विमान की सतहों में बदलाव करती है।<ref name="Flying Machine patent">[http://www.google.com/patents?vid=USPAT821393&id=h5NWAAAAEBAJ&dq=821,393 उड़न यंत्र का पेटेंट]</ref>