"मशीनी लिप्यन्तरण": अवतरणों में अंतर
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==विभिन्न भारतीय भाषी लिप्यंतरण सेवाएँ==
भारतीय भाषाऔं में लिप्यंतरण सेवा सर्वप्रथम लॅटिन कीबोर्ड से विभिन्न लिपियौं मे "ध्वन्यात्मक" कीकोड के रुप में विकास हुआ (उदाहरण "ka" दबाने पर "क" टाइप होना)। इस प्रकार के लिप्यंतरण का विकास भारतीय युनिकोड से पूर्व ही हो चुका था। यह विकास प्राथमिक रुप में लॅटिन कीबोर्ड से भारतीय ट्रेडिसनल फंट के सरल एण्ट्री के निमित्त विकसित हुआ था। भारतीय लिपियौं में अन्तर-लिप्यंतरण इस के बाद विकसित हुआ।
सबसे पहले [[आलोक कुमार]] द्वारा विभिन्न भारतीय भाषाओं के मध्य टैक्स्ट के लिप्यंतरण के लिए [http://devanaagarii.net/hi/girgit/ गिरगिट] नाम से तंत्र बनाया गया था। इसके पश्चात पीयूष भट्ट जी द्वारा [http://bhomiyo.com भोमियो] नामक वेबसाइट बनायी गयी जो कि किसी वेबपेज के लिपि को रीयल टाइम में बदल कर दिखाता था। यह सेवा हिन्दी चिट्ठाकारों में काफी लोकप्रिय हुई। परन्तु कुछ समय बाद यह सेवा बन्द हो गई। इसके पश्चात आलोक कुमार तथा डॉ विपुल जैन ने [http://girgit.chitthajagat.in/ गिरगिट का नया संस्करण] बनाया जो कि टैक्स्ट के अतिरिक्त वेबपेज की लिपि भी बदल कर दिखा सकता है। नवम्बर २००९ में [[गूगल]] ने भी विभिन्न भारतीय भाषाओं के मध्य [[गूगल लिपि परिवर्तक|लिप्यन्तरण सेवा]] का आरम्भ किया जिसमें कि कई लिपियाँ सम्मिलित हैं। ▼
सर्वप्रथम भारतीय यान्त्रिक लिप्यन्तरण का विकास किस ने किया था, इस के बारे में आधिकारिक तथ्य उपलब्ध नहीं है। परन्तु अन्तरजाल के फैलाव व भारतीय युनिकोड के विकास के बाद भारतीय यान्त्रिक लिप्यन्तरण में एक प्रकार का उर्जा निर्माण कर दिया।
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==बाहरी कड़ियाँ==
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