"वार्ता:महाभारत": अवतरणों में अंतर

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"इस काव्य के रचयिता वेदव्यास जी ने॰॰॰" यह वाक्य महाभारत से लिया गया है, इसके लिये इस वाक्य को संदर्भ के साथ दिया गया है, वैसे इतनी प्राचिन हस्तियों के शिलालेख मिल पाना तो बहुत मुश्किल है, हम तो केवल हमारे पास उपलब्ध ग्रंथों और अन्य ऐतेहासिक रचनाओं का भाषाई विश्लेषण करके ही प्राचिन समय की जानकारी प्राप्त कर सकते है, इसमें त्रुटियों की भी संभावना है परन्तु आधुनिक इतिहासकार तो पुरात्त्व प्रमाणो से ज्यादा भाषाई विश्लेषण को अधिक महत्व देते है,इस प्रकार यदि हम महाभारत को देखे या अन्य कई वैदिक ग्रंथ जिन्में वेद्व्यास को महाभारत का रचियता निर्विवादित रुप से बताया गया है, कहीं भी ऐसा नहीं आता कि किसी और ने इस काव्य की रचना की, इस बात से यह सिद्ध होता है कि किसी वेदव्यास नाम के पुरुष ने इस काव्य की रचना की,हाँ वह पुरुष किस काल में था यह इतिहास कारों के लिये विवादित विषय है--[[User:Mayurkumar |'''<span style="color: rgb(255, 102, 0);">मयुर </span><span style="color: rgb(0, 153, 0);">बंसल </span>''']]<sup>[[सदस्य वार्ता:Mayurkumar |<font color="blue">वार्ता</font>]]</sup> २२:००, ५ मई २०१० (UTC)
 
मेरा उद्देश्य महाभारत किसी और द्वारा लिखित प्रमाणित करना वा सुझाव करना नहीं है। मेरा उद्देश्य सिर्फ यह कहना है कि महाभारत में बहुत वैज्ञानिक-ऐतिहासिक शोध करना अभी भी बांकी है। अगर प्राचीनतम महाभारत के पाण्डुलिपि में ही "इस काव्य के रचयिता वेदव्यास जी ने॰॰॰" ही (संस्कृत में) लिखा है तो यह एक प्रकार का प्रमाण अपनेआप में हो सकता है। अन्य लेखौं में सायद इतना संवाद संभव नही होता परन्तु यह लेख अन्तरजाल, हिन्दी भाषा व भारतवर्ष जब तक रहेगा तब तक ज्ञानकोष के किसी रुप में सदा महत्त्वपूर्ण ही रहेगा। अतः, मेरे विचार में यह लेख इस विकिपीडिया का एक महत्त्वपूर्ण लेख है। धन्यवाद।--[[सदस्य:युकेश|युकेश]] २२:२४, ५ मई २०१० (UTC)
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