"चित्तविभ्रम": अवतरणों में अंतर

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'''चित्तविभ्रम''' अर्थात् डेलीरियम (Delirium) [[मानसिक संभ्रांति]] की उस अवस्था को कहते हैं जिसमें अचेतना, अकुलाहट और उत्तेजना पाई जाती है। इसमें असंबद्ध विचारों के साथ साधारण भ्रम और मतिभ्रम के मायाजाल मस्तिष्क की स्वाभाविक चेतना को धूमिल कर देते हैं।
 
इसमें असंबद्ध विचारों के साथ साधारण भ्रम और मतिभ्रम के मायाजाल मस्तिष्क की स्वाभाविक चेतना को धूमिल कर देते हैं।
 
चित्तविभ्रम का प्रमुख भाव एक प्रकार का भय होता हैं, जिसमें संशय और आशंका का पुट रहता है। इसके साथ मस्तिष्क की उत्तेजना और शारीरिक उथल पुथल एवं अंगों की विचित्र हलचल भी देखने को मिलती है। रोगी में आसपास के वातावरण के संबंध में जो निर्मूल अनुमान और भ्रामक धारणाएँ पाई जाती हैं, वे संदेहजनक सुरक्षात्मक ढंग की रहती हैं। इसका आधार हानि की कल्पनिक आशंका में निहित रहता है।
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चित्तविभ्रम में दिन की अपेक्षा रात्रि में रोगी की अवस्था अधिक चिंताजनक हो जाती है।
 
==कारण==
सभी चित्तविभ्रम यथार्थ में [[मस्तिष्क]] की रासायनिक प्रक्रियाओं में दोष उत्पन्न हो जाने के कारण होते हैं। यह बाधा कई कारणों से हो सकती हैं :
 
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[[श्रेणी:मनोविज्ञान]]
 
[[bg:Делир]]
[[da:Delirium]]
[[de:Delirium]]
[[en:Delirium]]
[[es:Delírium]]
[[eo:Deliro]]
[[it:Delirio]]
[[ku:Delîriyûm]]
[[nl:Delier]]
[[ja:せん妄]]
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[[pt:Delírio]]
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[[simple:Delirium]]
[[sr:Делиријум]]
[[fi:Delirium]]
[[tr:Deliriyum]]
[[zh:譫妄]]