"कूर्म पुराण": अवतरणों में अंतर

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{{ ज्ञानसन्दूक पुस्तक
| name = '''[[कूर्म पुराण]]'''
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| image = [[चित्र:कूर्मपुराण.gif|150px]]
 
सत्रह श्लोकों का यह पुराण विष्णु जी ने कूर्म अवतार से राजा इन्द्रद्युम्न को दिया था। इसमें विष्णु और शिव की अभिन्नता कही गयी है। पार्वती के आठ सहस्र नाम भी कहे गये हैं। काशी व प्रयाग क्षेत्र का महात्म्य, ईश्वर गीता, व्यास गीता आदि भी इसमें समाविष्ट हैं।