"हरिवंश पर्व": अवतरणों में अंतर

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==संक्षिप्त कथा==
इस पुराण में सबसे पहले वैवस्तमनु और यम की उत्पत्ति के बारे में बताया है और साख ही भगवान् विष्णु के अवतारों के बारे में बताया है। आगे देवताओं का कालनेमि के साथ युद्ध का वर्णन है जिसमें भगवान् विष्णु ने देवताओं को सान्त्वना दी और अपने अवतारों की बात निश्चित कर देवताओं को अपने स्थान पर भेज दिया। इसके बाद नारद और कंस के संवाद हैं।
इस पुराण में भगवान् विष्णु का कृष्ण के रूप में जन्म बताया गया है। जिसमें कंस का देवकी के पुत्रों का वध से लेकर कृष्ण के जन्म लेने तक की कथा है। फिर भगवान् कृष्ण की ब्रज-यात्रा के बारे में बताया है जिसमें कृष्ण की बाल-लीलाओं का वर्णन है।
 
==बाहरी कडियाँ==