"आरती": अवतरणों में अंतर

No edit summary
पंक्ति 1:
{{आज का आलेख}}
''अधिक विकल्पों के लिए यहां जाएं - [[आरती(बहुविकल्पी)]]''<br />
[[चित्र:Aarti.jpg|thumb|right|280px| मंदिर में भगवाण की मूर्ति की आरती करता हुआ एक पुजारी]]
'''आरती''' [[हिन्दू]] उपासना की एक विधि है। इसमें जलती हुई लौ या इसके समान कुछ खास वस्तुओं से आराध्य के सामाने एक विशेष विधि से घुमाई जाती है। ये लौ घी या तेल के दीये की हो सकती है या [[कपूर]] की। इसमें वैकल्पिक रूप से, घी, धूप तथा सुगंधित पदार्थों को भी मिलाया जाता है। कई बार इसके साथ [[संगीत]] ([[भजन]]) तथा नृत्य भी होता है। [[मंदिर|मंदिरों]] में इसे प्रातः, सांय एवं रात्रि (शयन) में द्वार के बंद होने से पहले किया जाता है। प्राचीन काल में यह व्यापक पैमाने पर प्रयोग किया जाता था। [[तमिल भाषा]] में इसे ''दीप आराधनई'' कहते हैं।
 
सामान्यतया पूजा के अंत में आराध्य भगवान की आरती करते हैं। आरती में कई सामग्रियों का प्रयोग किया जाता है। इन सबका विशेष अर्थ होता है। ऐसी मान्यता है कि न केवल आरती करने, बल्कि इसमें सम्मिलित होने पर भी बहुत पुण्य मिलता है। किसी भी देवता की आरती करते समय उन्हें तीन बार पुष्प अर्पित करने चाहियें। इस बीच ढोल, नगाडे, घड़ियाल आदि भी बजाये जाते हैं।<ref name="याहू-धर्म">[http://in.jagran.yahoo.com/dharm/?page=article&category=3&articleid=4639 आरती क्यों और कैसे?]।याहू जागरण- धर्म।मीता जिंदल </ref>
"https://hi.wikipedia.org/wiki/आरती" से प्राप्त