"कपालभाति (हठयोग)": अवतरणों में अंतर

छो कपाल भाति प्राणायाम का नाम बदलकर कपाल भाति प्राणायाम (हथ योग) कर दिया गया है
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'''कपाल भाति प्राणायाम''' प्राणायाम की एक विधि है। '''कपाल''' का अर्थ [[संस्कृत]] में होता है माथा या ललाट, और भाति का अर्थ है तेज। इस प्राणायम का नियमित अभ्यास करने से मुख पर आंतरिक प्रभा (चमक) से उत्पन्न तेज रहता है। कपाल भाति बहुत ऊर्जावान उच्च उदर श्वास व्यायाम है।
कपाल अर्थात मस्तिष्क और भाति यानी स्वच्छता। अर्थात 'कपाल भाति' वह प्राणायाम है जिससे मस्तिष्क स्वच्छ होता है और इस स्थिति में मस्तिष्क की कार्यप्रणाली सुचारु रूप से संचालित होती है। वैसे इस प्राणायाम के अन्य लाभ भी है। आइए जानते हैं कपाल भाति प्राणायाम के बारे में-
 
==विधि==
इस प्राणायाम को करने की विधि इस प्रकार है:-
 
कपाल भाति प्राणायाम करने के लिए रीढ़ को सीधा रखते हुए किसी भी ध्यानात्मक आसन, सुखासन या फिर कुर्सी पर बैठिए। इसके बाद तेजी से नाक के दोनों छिद्रों से सांस को यथासंभव बाहर फेंकिए। साथ ही पेट को भी यथासंभव अंदर की ओर संकुचित करे। तत्पश्चात तुरन्त नाक के दोनों छिद्रों से सांस को अंदर खीचते है और पेट को यथासम्भव बाहर आने देते है। इस क्रिया को शक्ति व आवश्यकतानुसार 50 बार से धीरे-धीरे बढ़ाते हुए 500 बार तक कर सकते है, किन्तु एक क्रम में 50 बार से अधिक न करे। क्रम धीरे-धीरे बढ़ाएं।
 
==लाभ==
 
इस प्राणायाम के नियमित अभ्यास से शरीर की अनावश्यक चर्बी घटती है। हाजमा ठीक रहता है। भविष्य में कफ से संबंधित रोग व सांस के रोग नहीं होते। प्राय: दिन भर सक्रियता बनी रहती है। रात को नींद भी अच्छी आती है।
 
==सावधानिया==
 
* पेट के किसी अंग जैसे- लिवर, पैन्क्रियाज, प्लीहा , छोटी आंत, बड़ी आंत, गुर्दे, स्लिप डिस्क, कमर दर्द, सूजन और अल्सर आदि शिकायतों में यह प्राणायाम न करे।
 
* हृदय रोगों, हाई ब्लड प्रेशर, और पेट में गैस आदि शिकायतों में यह प्राणायाम वर्जित है।
 
* धूल-धुआं-दुर्गन्ध, बन्द व गर्म वातावरण में यह प्राणायाम न करे।
 
* मासिक चक्र के समय और गर्भावस्था के दौरान इसे न करे।
 
* बुखार, दस्त, अत्यधिक कमजोरी की स्थिति में इसे न करे।
 
* कब्ज की स्थिति में यह प्राणायाम न करे। गुनगुने पानी में नींबू डालकर पेट साफ करे और फिर इसके बाद ही इसे करे।
 
* बाहर की ओर निकले हुए पेट को शीघ्र घटाने के चक्कर में अनेक लोग दिन में कई बार इस प्राणायाम को करते है, जो हानिप्रद है।
 
* खाना खाने के बाद 3 घंटे तक कपाल भाति प्राणायाम न करे।
 
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