"गुजरी महल": अवतरणों में अंतर
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Firdaus Khan (वार्ता | योगदान) गुजरी महल |
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''सुनने की फुर्सत हो तो आवाज़ है पत्थरों में,
''उजड़ी हुई बस्तियों में आबादियां बोलती हैं...''''
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