"नादिर शाह": अवतरणों में अंतर
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नादिर को यूरोप में एक विजेता के रूप में ख्याति मिली थी। सन् १७६८ में [[डेनमार्क]] के [[क्रिश्चियन सप्तम]] ने [[सर विलियम जोन्स]] को नादिर के इतिहासकार मंत्री [[मिर्ज़ा महदी अस्तराब्दाली]] द्वारा लिखी उसकी जीवनी को [[फ़ारसी]] से [[फ्रेंच]] में अनुवाद करने का आदेश दिया। १७३९ में उसकी भारत विजय के बाद [[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] को मुग़लों की कमज़ोरी का पता चला और उन्होंने भारत में साम्राज्य विस्तार को एक मौका समझ कर दमखम लगाकर कोशिश की। अगर नादिरशाह ने भारत पर आक्रमण नहीं करता तो ब्रिटिश शायद इस तरह से भारत में अधिकार करने के बारे शायद सोच भी नहीं पाते या इतने बड़े पैमाने पर भारतीय शासन को चुनौती नहीं देते।
[[श्रेणी:ईरान का इतिहास]]
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