"महासागरीय धारायें": अवतरणों में अंतर

No edit summary
पंक्ति 1:
[[Image:Corrientes-oceanicas.gif|300px|thumb|right|विश्व की प्रमुख महासागरीय धाराएं]]
[[महासागर]] के [[जल]] के सतत एवं निर्देष्ट दिशा वाले प्रवाह को '''महासागरीय धारा''' कहते हैं। वस्तुतः महासागरीय धाराएं, महासागरों के अन्दर बहने वाली गरमउष्ण या ठंढीशीतल नदियाँ हैं। प्रायः ये भ्राम्तिभ्रांति होती है कि महासागरों में जल स्थिर रहता है, किन्तु वास्तव मे ऐसा नही होता है। महासागर का जालजल निरंतर एक नियमित गति से बहता रहता है और इन धाराओं के विभिन्न रूप देखने को मिलते हैं। प्राकृतिक धारा में प्रमुख अपवहन धारा (''ड्रिफ्ट करंट'') एवं ''स्ट्रीम करंट'' होती हैं। एक स्ट्रीम करंट की कुछ सीमाएं होती हैं, जबकि अपवहन धारा करंट के बहाव की कोई विशिष्ट सीमा नहीं होती।
 
महासागरीय धारा बनने के मुख्यत: तीन कारण होते हैं - प्रथम तो जल में [[लवण]] की मात्रा एक स्थान की अपेक्षा दूसरे स्थान पर बदलती है, इसलिए सागरियसागरीय जल के घनत्व में भी स्थान के साथ-साथ परिवर्तन आता है। [[द्रव्यों|द्रव्यों]] की प्राकृतिक प्रवृत्ति जिसमें वे अधिक घनत्व वाले क्षेत्र की ओर अग्रसर होते हैं, के कारण धाराएं बनती हैं। दूसरे कारण में [[सूर्य]] की किरणें जल की सतह पर एक समान नहीं पड़तीं। इस कारण जल के तापमान में असमानता आ जाती है। इसके कारण संवहन धारा (कन्वेक्शन करंट) पैदा होते हैं। तीसरा कारण सागर की सतह के ऊपर बहने वाली तेज हवाएं होती हैं। उनमें भी जल में तरंगें पैदा करने की क्षमता होती है। ये तरंगें पृथ्वी की परिक्रमा से भी बनती हैं। इस घूर्णन के कारण पृथ्वी के उत्तरी हिस्से में घड़ी की दिशा में धाराएं बनती हैं।
 
इन सब में गल्फ स्ट्रीम सबसे महत्त्वपूर्ण होता है। इस स्ट्रीम में जल नीला एवं गरम हो जाता है। इसका बहाव मेक्सिको की खाड़ी के उत्तर से कनाडा तक होता है। यही कारण है कि लंदन एवं पेरिस कम ठंडे रहते हैं जबकि नॉर्वे के तटीय इलाके पूरे वर्ष बर्फ रहित रहते हैं। इसके अलावा, ब्राजील करंट, जापान, उत्तर भूमध्य रेखा, उत्तर प्रशांत महासागरीय तरंग आदि विश्व की प्रमुख सागरी धाराओं में गिने जाते हैं।
पंक्ति 31:
 
{{महासागरीय धाराएं}}
{{ocean}}
{{महासागर}}