"बलोच भाषा और साहित्य": अवतरणों में अंतर

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बलोच भाषा नई फारसी से बहुत मिलती जुलती है। इसके लगभग आधे शब्द ऐसे हैं जो फारसी भाषा के शब्दों के बिगड़े हुए रूप हैं या साहित्यिक फारसी के शब्दों के अनुसार हैं। भाषाविज्ञों का यह भी कथन है कि बलोच भाषा फारसी से निकली हुई नहीं, प्रत्युत एक अलग प्राचीन भाषा है, जो अनेक रूपों में पुरानी फारसी के स्थान पर ज़ेंद या पुरानी बाख्त्री से विशेष मिलती है। इस भाषा में इस समय फारसी के सिवा सिंधी, [[अरबी]] तथा ब्राहजई ही नहीं [[उर्दू]] भाषा के भी शब्द मिलते हैं।
 
== साहित्य ==
बलोच भाषा का गद्य साहित्य इस समय केवल किस्से कहानियों ही तक सीमित है पर इसका पद्य साहित्य अधिक विस्तृत तथा उन्नत है। बलोच कविता के आरंभिक काल में केवल [[लोकगीत]] थे। परंतु बलोच इतिहास के सबसे बड़े व्यक्तित्ववाले मीर चाकर खाँ "रिंद" ने सन् 1487 ई. में गद्दी पर बैठने के अनंतर बलोच कविता में युद्ध-विषयक गीतों का आरंभ किया और मीर गवाहिराम, लाशारी, नौद बंदग़, बेबर्ग, शह मुरीद, हानी, शाहदाद, माहनाज़, उमरखाँ नोहानी, बालाच और दूदा आदि ने लंबी युद्धीय कविताएँ लिखीं तथा सजीव साहित्य उत्पन्न कर बलोच साहित्य को उत्कर्ष पर पहुँचाया। इन युद्धीय कविताओं की रचना की प्रेरक बलोच जाति के इतिहास की वही घटनाएँ थीं जो उस काल में घटित हुई थीं; जैसे रिंद तथा लाशारी कबीलों का 30 वर्षीय संघर्ष, हानी-शह मुरीद के अमर प्रेम की विशद कहानी, बेबर्ग तथा गिरानाज़ तथा आख्यान, शाहदाद तथा माहनाज़ की विरहकथा, हुमायूँ की मित्रता के कारण [[पानीपत का युद्ध|पानीपत के युद्ध]] में शाहदाद तथा उसके अनुयायियों की वीरता एवं साहस, जुसूर तथा ग़यूर बालाच की एकनामता (संमी) के लिए बेबर्ग पुसर के विरुद्ध युद्ध तथा इसी प्रकार की अन्य घटनाओं ने ऐसी उच्च कोटि की युद्धीय कविता को जन्म दिया, जो फारसी के छंदशास्त्र (अरूज़) की कठिनाइयों से खाली है पर वेदना, उल्लास तथा प्रभावोत्पादकता में अनुपम है। अब तक ये मेलों तथा महफिलों में बड़ी रुचि के साथ पढ़ी तथा सुनी जाती हैं।
 
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इस समय मुहम्मद हुसेन उनका, आज़ाद जमालदीनी और गुल खाँ नसीर यद्यपि पुराने लेखक हैं, तथापि वे विचारों तथा अभिव्यंजना की दृष्टि से नए लेखकों में आ मिलते हैं। नए लेखकों में मुराद साहिर, इसहाक़ शमीम, अब्दुर्रहीम साबिर, अहमद ज़हीर, जहूर शाह हाशिमी, अनवर क़हतानी, मलिक सईद, अहमद जिगर, शौकत हसरत, अकबर बलोच, नागुमान, दोस्तमुहम्मद बेकस, आजिज़, रौनक बलोच तथा अताशाद उल्लेखनीय हैं जो नए वास्तविक (नफ्सियाती) ढंग को अपनाने ओर विद्या संबंधी नए अनुभव करने में निर्भीक हैं।
 
== बाहरी कड़ियाँ ==
* [http://www.bastigiri.org/cbs Center for Balochi Studies]
* http://www.eurobaluchi.com/dictionary/index.htm Balochi to English, Persian, Spanish, Finnish and Swedish
* [http://www.ijunoon.com/balochidic/ Balochi Dictionary] English to Balochi Dictionary
* [http://www.ethnologue.com/show_family.asp?subid=90030 Ethnologue report on Balochi]
* [http://www.lmp.ucla.edu/Profile.aspx?menu=004&LangID=193 UCLA Language Materials Project]
* [http://users.tpg.com.au/users/goshti Balochi language]
* [http://www.eurobaluchi.com Baluchi alphabet, grammar and music]
* [http://titus.uni-frankfurt.de/personal/agnes/diss.htm/ Agnes Korn: Towards a Historical Grammar of Balochi.] Studies in Balochi Historical Phonology and Vocabulary
 
[[श्रेणी:विश्व की भाषाएँ]]
 
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