"आलवार सन्त": अवतरणों में अंतर

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'''आलवार''' ([[तमिल]] : ஆழ்வார்கள்) ([aːɻʋaːr] ; अर्थ : ‘भगवान में डुबा हुआ') [[तमिल]] कवि एवं सन्त थे। इनका काल ६ठी से ९वीं शताब्दी के बीच रहा। उनके पदों का संग्रह "''दिव्य प्रबन्ध''" कहलाता है जो 'वेदों' के तुल्य माना जाता है। आलवार सन्त [[भक्ति आन्दोलन]] के जन्मदाता माने जाते हैं।