"चेतना": अवतरणों में अंतर
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अनुनाद सिंह (वार्ता | योगदान) |
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'''चेतना''' [[प्राणी|जीवधारियों]] में रहनेवाला वह तत्व है जो उन्हें निर्जीव पदार्थों से भिन्न बनाता है। दूसरे शब्दों में, हम उसे मनुष्यों की जीवनक्रियाओं को चलानेवाला तत्व कह सकते हैं। चेतना स्वयं को और अपने आसपास के वातावरण को समझने तथा उसकी बातों का मूल्यांकन करने की शक्ति का नाम है। [[विज्ञान]] के अनुसार चेतना वह अनुभूति है जो [[मस्तिष्क]] में पहुँचनेवाले अभिगामी आवेगों से उत्पन्न होती है। इन आवेगों का अर्थ तुरंत अथवा बाद में लगाया जाता है।
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