"प्रगतिशील त्रयी": अवतरणों में अंतर

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स्वतंत्रता के पश्चात हिन्दी साहित्य में जिन नई विचारधाराओं का जन्म हुआ उसमें प्रगतिशील विचारधारा प्रमुख थी। [[नागार्जुन]], [[शमशेर]] और [[त्रिलोचन]] इस विचारधारा के प्रतिनिधि कवि माने जाते हैं। इन तीनों को प्रगतिशील त्रयी के नाम से संबोधित किया जाता है।