"डिंगल": अवतरणों में अंतर
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डिंगल की ध्वनिसंघटना तथा व्याकरण मारवाड़ी या पश्चिमी राजस्थानी के ही अनुरूप है, किंतु इसका शब्दकोश अनेक ऐसे तद्भव, अर्धतत्सम तथा देशज शब्दों से भरा पड़ा है, जो उसी रूप में व्यवहृत नहीं पाए जाते। मिश्रण कवि सूर्यमल्ल के पुत्र मुरारिदान ने एक डिंगलकोष की रचना की है जिसमें डिंगल में प्रयुक्त शब्दों के अर्थ दिए हैं।
== अब ये हालत ==
राजस्थान में भक्ति, शौर्य और श्रृंगार रस की भाषा रही डींगल अब चलन से बाहर होती जा रही है.
अब हालत ये है कि डींगल भाषा में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध प्राचीन ग्रंथों को पढ़ने की योग्यता रखने वाले बहुत कम लोग रह गए हैं.
कभी डींगल के ओजपूर्ण गीत युद्ध के मैदानों में रणबाँकुरों में उत्साह भरा करते थे लेकिन वक़्त ने ऐसा पलटा खाया कि राजस्थान, गुजरात और पाकिस्तान के सिंध प्रांत के कुछ भागों में सदियों से बहती रही डींगल की काव्यधारा अब ओझल होती जा रही है
[[श्रेणी:हिन्दी की उपबोलियाँ]]
[[श्रेणी:हिन्दी]]
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