"बौधायन": अवतरणों में अंतर
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अनुनाद सिंह (वार्ता | योगदान) |
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{{आधार}}'''बौधायन''' [[भारत]] के प्राचीन गणितज्ञ और [[शुल्ब सूत्र]] तथा [[श्रौतसूत्र]] के रचयिता था ।
[[ज्यामिति]] के विषय में प्रमाणिक मानते हुए सारे विश्व में यूक्लिद की ही ज्यामिति पढ़ाई जाती है। मगर यह स्मरण रखना चाहिए कि महान [[यूनानी]] ज्यामितिशास्त्री [[यूक्लिड]] से पूर्व ही [[भारत]] में कई रेखागणितज्ञ ज्यामिति के महत्वपूर्ण नियमों की खोज कर चुके थे, उन रेखागणितज्ञों में बौधायन का नाम सर्वोपरि है। उस समय भारत में रेखागणित या ज्यामिति को '''शुल्व शास्त्र''' कहा जाता था।
== नाम में द्विरूपता ==
"बौधायन" तथा "बौधायनीय" शब्दों के लिए "बोधायन" या "बोधायनीय" का प्रयोग दक्षिण भारत में बहुधा किया जाता है। परन्तु संभवतः यह गलत है क्योंकि -अयन शब्द के प्रयोग में पहले वर्ण का स्वर दीर्घ हो जाता है।<ref>
== सन्दर्भ ==
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