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[[Image:Rupee.jpg|thumb|200px|[[भारतीय रुपया]] ]]
 
 
'''रुपया''' (रु.) ([[हिंदी]] और [[उर्दू]]: रुपया, [[संस्कृत]]: रूप्यकम् से उत्प्रेरित जिसका अर्थ चांदी का सिक्का है) [[भारत]], [[पाकिस्तान]], [[श्रीलंका]], [[नेपाल]], [[मॉरीशस]] और [[सेशल्स]] में उपयोग मे आने वाली मुद्रा का नाम है। [[इंडोनेशिया]] की मुद्रा को [[रुपिया]] जबकि [[मालदीव]] की मुद्रा को [[रुफियाह]], के नाम से जाना जाता है जो असल मे हिन्दी शब्द रुपया का ही बदला हुआ रूप है। भारतीय और पाकिस्तानी रुपये मे सौ पैसे होते हैं (एकवचन पैसा) में, श्रीलंकाई रुपये में 100 सेंट, तथा नेपाली रुपये को सौ पैसे या चार सूकों (एकवचन सूक) या दो मोहरों (एकवचन मोहर) मे विभाजित किया जा सकता है।
 
 
== नामकरण ==
"रुपया" शब्द का उद्गम संस्कृत के शब्द '''रुप्''' या '''रुप्याह्''' मे निहित है, जिसका अर्थ कच्ची चांदी होता है और रूप्यकम् का अर्थ चांदी का सिक्का है। "रुपया" शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम [[शेर शाह सूरी]] ने भारत मे अपने संक्षिप्त शासन (1540-1545) के दौरान किया था। शेर शाह सूरी ने अपने शासन काल मे जो रुपया चलाया वह एक चांदी का सिक्का था जिसका वजन 178 ग्रेन (11.534 ग्राम) के लगभग था। उसने ताँबे का सिक्का जिसे [[दाम]] तथा सोने का सिक्का जिसे [[मोहर]] कहा जाता था को भी चलाया। कालांतर मे [[मुग़ल]] शासन के दौरान पूरे उपमहाद्वीप मे मौद्रिक प्रणाली को सुदृढ़ करने के लिए तीनों धातुओं के सिक्कों का मानकीकरण किया गया।
 
== मूल्य ==
शेर शाह सूरी के शासनकाल के दौरान शुरू किया गया ‘रुपया’ आज तक प्रचलन मे है। भारत मे ब्रिटिश राज के दौरान भी यह प्रचलन मे रहा, इस दौरान इसका वजन 11.66 ग्राम था और इसके भार का 91,7% तक शुद्ध चांदी थी। 19वीं शताब्दी के अंत मे रुपया प्रथागत ब्रिटिश मुद्रा विनिमय दर, के अनुसार एक शिलिंग और चार पेंस के बराबर था वहीं यह एक पाउंड स्टर्लिंग का 1 / 15 हिस्सा था।
 
उन्नीसवीं सदी मे जब दुनिया में सबसे सशक्त अर्थव्यवस्थायें स्वर्ण मानक पर आधारित थीं तब चांदी से बने रुपये के मूल्य मे भीषण गिरावट आयी। संयुक्त राज्य अमेरिका और विभिन्न यूरोपीय उपनिवेशों में विशाल मात्रा मे चांदी के स्रोत मिलने के परिणामस्वरूप चांदी का मूल्य सोने के अपेक्षा काफी गिर गया। अचानक भारत की मानक मुद्रा से अब बाहर की दुनिया से ज्यादा खरीद नहीं की जा सकती थी। इस घटना को ‘रुपए की गिरावट "के रूप में जाना जाता है।
 
 
== मूल्य वर्ग ==
पहले रुपए (11.66 ग्राम) को 16 आने या 64 पैसे या 192 पाई में बांटा जाता था। रुपये का [[दशमलवीकरण]] 1869 में सीलोन (श्रीलंका) में, 1957 में भारत मे और 1961 में पाकिस्तान में हुआ। इस प्रकार अब एक भारतीय रुपया 100 पैसे में विभाजित हो गया। भारत में कभी कभी पैसे के लिए [[नया पैसा]] शब्द भी इस्तेमाल किया जाता था। भारत मे [[भारतीय रिजर्व बैंक]] द्वारा मुद्रा जारी की जाती है, जबकि पाकिस्तान मे यह '''स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान''' के द्वारा नियंत्रित होता है।
[[चित्र:रुपया राष्ट्रीय मुद्रा.png|thumb|right|275px|वे देश जहाँ रुपया राष्ट्रीय मुद्रा है]]
[[असम]], [[त्रिपुरा]], और [[पश्चिम बंगाल]] में बोली जाने वाली [[असमिया]] और [[बांग्ला]] भाषाओं में, रुपये को [[टका]] के रूप में जाना जाता है और भारतीय बैंक नोटों पर भी इसी रूप में लिखा जाता है। भारत और पाकिस्तान की मुद्रा 1, 2, 5, 10, 20, 50, 100, 500 और 1000 रुपये के मूल्यवर्ग में जारी की जाती है, वहीं पाकिस्तान मे 5000 रुपये का नोट भी जारी किया जाता है। रुपये की बड़ी मूल्यवर्ग अक्सर [[लाख]] (100000) [[करोड़]] (10000000) और [[अरब]] (1000000000) रुपए में गिने जाते हैं।
 
==भारतीय रुपये का प्रतीक चिह्न==
सन २०१० में भारतीय सरकार द्वारा एक रुपये के लिये प्रतीक चिह्न निर्धारित करने हेतु एक सार्वजनिक प्रतियोगिता का आयोजन किया गया<ref>http://finmin.nic.in/the_ministry/dept_eco_affairs/currency_coinage/Comp_Design.pdf</ref>। जूरी द्वारा सभी प्रविष्टियों में से पाँच डिजाइनों को चुना गया<ref>http://timesofindia.indiatimes.com/India/Cabinet-decides-on-rupee-sign-today-/articleshow/6084121.cms</ref> जिनमें से अन्तिम रुप से [[आइआइटी]] के प्रवक्ता उदय कुमार के डिजाइन को चुना गया।
 
==यह भी देखे==
"https://hi.wikipedia.org/wiki/रुपया" से प्राप्त