[[Image:Elipse.svg|thumb|right|300px|[['''दीर्घवृत्त]]''' कार्तीय निर्देशांक system मे .]]
[[गणित]] मे [['''दीर्घवृत्त]]''' एक एसा [[शांकव]] होता है जिसकी उत्केन्द्रता इकाई से कम होती है। एक अन्य परिभाषा के अनुसार दीर्घवृत्त किसी एसे बिन्दु का बिन्दुपथ है जिसकी दो निश्चित बिन्दुओं से दूरी का योग अचर रहता है । निश्चित बिन्दुओं को दीर्घवृत्त की नाभियाँ(en:Focus) कहते हैं । माना जाता है कि [[पृथ्वी]] सहित कई [[ग्रह]] [[सूर्य]] के चारों ओर एक दीर्घवृत्तीय कक्षा पर घूमते हैं और इस दीर्घवृत्त की एक नाभि पर सूरज अवस्थित होता है ।