"पदविज्ञान": अवतरणों में अंतर

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'''पदविज्ञान''', [[भाषाविज्ञान]] का एक प्रमुख अंग है। इसके अंतर्गत पद के विभिन्न अंशों - मूल प्रकृति (baseform) तथा [[उपसर्ग]], [[प्रत्यय]], [[विभक्ति]] (affixation) - का सम्यक् [[विश्लेषण]] किया जाता है इसलिये कतिपय भारतीय भाषाशास्त्रियों ने पदविज्ञान को "प्रकृति-प्रत्यय-विचार" का नाम भी दिया है।
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==बाहरी कड़ियाँ==
*[http://books.google.co.in/books?id=jgDpQoxu_7AC&printsec=frontcover#v=onepage&q=&f=false भाषाविज्ञान की भूमिका] (गूगल पुस्तक; लेखक - देवेन्द्र नाथ शर्मा)
 
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