"परमात्मा": अवतरणों में अंतर
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'''परमात्मा''' शब्द दो शब्दों ‘परम’ तथा `आत्मा’ की [[सन्धि]] से बना है। परम का अर्थ सर्वोच्च एवं [[आत्मा]] से अभिप्राय है चेतना, जिसे प्राण शक्ति भी कहा जाता है। [[ईश्वर]] । आधुनिक हिन्दी में ये शब्द [[ईश्वर]] का ही मतलब रखता है ।
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आत्मा एवं परमात्मा का भेद तात्विक नहीं है; भाषिक है। समुद्र के किनारे खड़े होकर जब हम असीम एवं अथाह जलराशि को निहारते हैं तो हम उसे समुद्र भी कह सकते हैं तथा अनन्त एवं असंख्य जल की बूँदों का समूह भी कह सकते हैं। स्वभाव की दृष्टि से सभी जीव समान हैं। भाषिक दृष्टि से सर्व-जीव-समता की समष्टिगत सत्ता को ‘परमात्मा' वाचक से अभिहित किया जा सकता है।"
*[http://rachanakar.blogspot.com/2009/11/blog-post_25.html प्रोफेसर महावीर सरन जैन का आलेख - आत्मा एवं परमात्मा का भेद तात्विक नहीं है; भाषिक है]
aatma
[[श्रेणी:धर्म]]
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