"पुर्तगाली साहित्य": अवतरणों में अंतर
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महानतम पुर्तगाली कवि कामू के व्यक्तित्व में '''पुर्तगाली साहित्य''' की दोनों प्रमुख विशेषताएँ सहित मिलनी हैं। ये हैं - प्रगीति प्रेरणा और स्वच्छंद अभिरुचि। ये विशेषताएँ किसी विशेष ऐतिहासिक युग की नहीं, किंतु सभी युगों की सामान्य मानव मनोवृत्ति है। प्रेमात्मक और व्यक्तिगत समस्याओं पर आग्रह, अपनी व्यक्तिगत पीड़ा में एक मृदु आनंद (सउदादे), यह पुर्तगाली चित्तवृत्ति की विशेषताएँ हैं - घर के प्रति ममता की भावना, अस्पष्ट आकांक्षाएँ और आशा - नवीन भूभाग और नवीन समुद्री भागों की खोज में रत रहनेवाले एक छोटे राष्ट्र के काल्पनिक भाग्य की महान् भावना से युक्त।
बुद्धि की अपेक्षा संवेदना और कल्पना के प्राधान्य के कारण दार्शनिक पद्धतियों का निर्माण, गंभीर अध्ययन और शोध की गहराई में जाना, विस्तृत ऐतिहासिक आधार तैयार करना कठिन होता है। महदुद्दश्य को सम्मुख रखनेवाला राष्ट्र होने का बोध कभी भविष्यदर्शी का आनंद, कभी स्पष्ट रहस्यवाद, आत्मसमर्पण या तो उल्लासपूर्ण आनंद या निराश भाग्यवाद की सृष्टि करता है।
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