"प्रकाश मेहरा": अवतरणों में अंतर

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[['''प्रकाश मेहरा]]''' (जन्म: [[13 जुलाई]], [[1939]] मत्यु: [[17 मई]][[2009]]) [[हिन्दी]] फ़िल्मों के एक [[निर्माता]] एवं [[निर्देशक]] हैं। प्रकाश मेहरा का जन्म उत्तरप्रदेश के बिजनौर में हुआ था. मेहरा ने 50 के दशक में अपने फिल्मी जीवन की शुरूआत एक प्रोडक्शन कंट्रोलर की हैसियत से की थी. 1968 में उन्होंने शशि कपूर की फिल्म [[हसीना मान जाएगी]] का निर्देशन किया जिसमें [[शशि कपूर]] ने दोहरी भूमिका निभाई थी. इसके बाद 1971 में उन्होंने में मेला का निर्देशन किया जिसमें [[फिरोज खान]] और [[संजय खान]] ने मुख्य भूमिका निभाई थी. 1973 में उन्होंने [[जंजीर]] का निर्माण और निर्देशन किया. यह फिल्म जबरदस्त हिट रही और इस फिल्म ने अमिताभ के डवांडोल कैरियर को पटरी पर ला दिया. इस फिल्म से अमिताभ के साथ प्रकाश मेहरा का रिश्ता गहरा हो गया और दोनों ने लगातार सात [[सुपरहिट]] फिल्में थी. फिल्म [[जादूगर]] में उनका तिलिस्म टूटता हुआ नजर आया.
प्रकाश मेहरा ने बाद में [[जिंदगी एक जुआ]] फिल्म बनाई. [[अनिल कपूर]] और [[माधुरी दीक्षित]] जैसे स्टारों के बावजूद यह फिल्म कमाल नहीं दिखा पाई. 1996 में उन्होंने [[राजकुमार]] के बेटे [[पुरू राजकुमार]] को फिल्म [[ब्रह्मचारी]] के जरिए फिल्मी परदे पर लाया, लेकिन यह फिल्म भी असफल रही. यह उनके निर्देशन की आखिरी फिल्म थी. बाद में उन्होंने [[दलाल]] फिल्म का निर्माण किया. जो एक सफल फिल्म साबित हुई.
इंडिया मोशन पिक्चर्स डायरेक्टर्स एसोसिएशन ने 2006 में उन्होंने लाइफ टाइम्स अवार्ड से सम्मानित किया.2008 में इसी संस्था ने उन्हें प्रोडूसर से रूप में लाइफ टाइम अवार्ड से सम्मानित किया.