"बठिंडा": अवतरणों में अंतर

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'''बठिंडा''' पंजाब का एक बहुत ही पुराना और महत्वपूर्ण शहर है । यह मालवा इलाके में स्थित है । बठिंडा के ही जंगलों में कहा जाता है की गुरु गोविंद सिंह जी ने चुमक्का नामन ताकतों को ललकारा था और उन से लडे थे । बठिंडा का आजादी की लडाई में भी महत्वपूर्ण योगदान था । इस में एक खास किला है 'किला मुबारक' ।
 
बठिंडा बहुत तेजी से इन्डस्ट्रीस से भर रहा है । हाल ही में बने पलाँटों में थर्मल पावर पलाँट, फर्टलाईजर फैकटरी और एक बडी औयल (तेल) रिफाईनरी हैं ।बठिंडा नौर्थ भारत की सबसे बडी अनाज के बजारों में से है और बठिंडा के आस पास के इलाके अंगूर की खेती में बढ रहे हैं । बठींडा एक बहुत बडा रेल जंकशन भी है। पैपसी यहां उपजाऊ आनाज को परोसैस करती है ।
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=== आधुनिक बठिंडा का जन्म ===
ये माना जाता है की राओ भट्टी में बठिंडा शहर को लखी जंगल में तीसरी सदी में स्थापित किया था । फिर इस शहर को बरारों नें हडप लिया था । बाल राओ भट्टी नें फिर इसे ९६५ में हासिल किया और तब इसका नाम बठिंडा पडा (उन्हीं के नाम पर) । यह राजा जयपाल की राजधानी भी रही है ।
 
 
१००४ में घज़नी के महमूद नें इसका किला छीन लिया । फिर मुहमद घोरी नें हमला किया और बठिंडा का किला छीन लिया । फिर प्रिथवी राज चौहान नें १३ महीनों के बाद तगडी लडाई के पश्चात इसे फिर से जीता ।
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सिद्धू बरारों को लोदी के शासन में बठिंडा से निकाल दिया गया था लेकिन बाबुर के शासन में वापिस स्थान दे दिया गया था । कुछ सालों बाद, रूप चन्द नाम के सिख्ख पंजाब के इतिहास में आये । रूप चंद जी के लडके फूल नें लंगर की प्रथा चलाई और १६५४ के आस पास एक किला बनाया ।
 
 
== मुख्य आकर्ण ==
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== सन्दर्भ ==
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== बाहरी कड़ियां ==