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'''बादल कक्ष''' ([[अंग्रेजी]]: Cloud chamber) जिसे विल्सन कक्ष के नाम से भी जाना जाता है, का प्रयोग [[आयनीकरण विकिरण]] के कणों का पता लगाने के लिए किया जाता है। अपने सबसे बुनियादी रूप में बादल कक्ष एक बंद वातावरण होता है जिसमें परमशीतल या परमसंतृप्त [[जल]] अथवा [[अल्कोहल]] वाष्प भरी होती है। जब कोई अल्फा या बीटा कण मिश्रण से गुजरता है, तो यह वाष्प आयनीकृत हो जाती है। इस क्रिया से उत्पन्न आयन संघनन नाभिक के रूप में कार्य करते हैं, और इनके चारों ओर एक धुंध इकत्र हो जाती है (क्योंकि मिश्रण संघनन के कगार पर होता है)। उच्च ऊर्जा से आवेशित अल्फा और बीटा कणों के मार्ग की दिशा में कई आयनों का उत्पादन होने के परिणामस्वरूप कई पथचिन्ह पीछे छूट जाते हैं। यह पथ कई आकार और आकृति के होते हैं, उदाहरण के लिए अल्फा कण का पथ चौड़ा और सीधा होता है, जबकि एक इलेक्ट्रॉन का पथ पतला और संघट्टन से हुये विक्षेपण के अधिक साक्ष्य प्रस्तुत करता है। जब किसी बादल कक्ष पर एक समान चुंबकीय क्षेत्र आरोपित किया जाता है तो लोरेंट्ज़ के बल के नियम के अनुसार धनात्मक और ऋणात्मक आवेशित कण विपरीत दिशाओं में वक्रित होते हैं।
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