"बाल संस्कार": अवतरणों में अंतर

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{{आधार}}[[शिशु]] के [[जन्म]] से लेकर उसके [[वयस्क]] होने तक उसे शिक्षित एवं संस्कारित करना '''पालन-पोषण''' या '''बाल संस्कार''' (पैरेन्टिंग) कहलाता है।
 
अधिकांश शिशु एवं बालक/बालिका अपने माता-पिता के साथ रहते हैं। कुछ शिशुओं के साथ उनके दादा-दादी या नाना-नानी भी रहते हैं। किन्तु कुछ स्थितियों में सरकार या स्वयंसेवी संस्थायें बच्चों देखभाल करती हैं।