"बादल फटना": अवतरणों में अंतर

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==गर्म हवा से टकराना==
जब कोई गर्म हवा का झोंका ऐसे बादल से टकराता है तब भी उसके फटने की आशंका बढ़ जाती है। उदाहरण के तौर पर 26२६ जुलाई 2005२००५ को --[[मुंबई]] में बादल फटे थे, तब वहां बादल किसी ठोस वस्‍तु से नहीं बल्कि गर्म हवा से टकराए थे। बादल फटने की घटना अमूमन पृथ्‍वी से 15१५ किलोमीटर की ऊंचाई पर होती है। इसके कारण होने वाली बारिश करीब 100१०० मिलीमीटर प्रति घंटा होती है। कुछ ही मिनट में 2 सेंटी मीटर से ज्‍यादा बारिश हो जाती है, जिस कारण भारी तबाही होती है।
 
भारत में [[बंगाल की खाड़ी]] और [[अरब सागर]] से बनेउठे मॉनसून के बादल जब उत्तर की ओर बढ़ते हैं, तब उनका [[हिमालय]] के क्षेत्र में उनके फटने का खतरा सबसे अधिक रहता है। इसी तरह 2009२००९ में कराची में बादल फटने के कारण भारी तबाही हुई थी। भारत में बादल फटने की सबसे अधिक घटनाएं [[हिमाचल प्रदेश]] में होती हैं।
 
==संदर्भ==