"मणिकर्ण": अवतरणों में अंतर

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'''मणिकर्ण''' [[भारत]] के [[हिमाचल प्रदेश]] राज्य में [[कुल्लू]] जिले के [[भुंतर]] से उत्तर पश्चिम में पार्वती घाटी में व्यास और पार्वती नदियों के मध्य बसा है, जो हिन्दुओं और सिक्खों का एक तीर्थस्थल है। यह समुद्र तल से १७६० मीटर की ऊँचाई पर स्थित है और [[कुल्लू]] से इसकी दूरी लगभग ४५ किमी है। [[भुंतर]] में छोटे विमानों के लिए हवाई अड्डा भी है। [[भुंतर]]-मणिकर्ण सडक एकल मार्गीय (सिंगल रूट) है, पर है हरा-भरा व बहुत सुंदर। सर्पीले रास्ते में तिब्बती बस्तियां हैं। इसी रास्ते पर शॉट नाम का गांव भी है, जहां कई बरस पहले बादल फटा था और पानी ने गांव को नाले में बदल दिया था।
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|accessdate=२३-०९-२००६
}}</ref> हिंदू मान्यताओं में यहां का नाम इस घाटी में शिव के साथ विहार के दौरान पार्वती के कान (कर्ण) की बाली (मणि) खो जाने के कारण पडा़। एक मान्यता यह भी है कि मनु ने यहीं महाप्रलय के विनाश के बाद मानव की रचना की थी। यहां रघुनाथ मंदिर है। कहा जाता है कि कुल्लू के राजा ने अयोध्या से भगवान राम की मू्र्ति लाकर यहां स्थापित की थी। यहां शिवजी का भी एक पुराना मंदिर है। इस स्थान की विशेषता का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि कुल्लू घाटी के अधिकतर देवता समय-समय पर अपनी सवारी के साथ यहां आते रहते हैं।
 
==पर्वतारोहियों और घुमक्कडो़ का स्वर्ग==
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[[श्रेणी:भारत में गर्म पानी के स्रोत]]
 
[[fr:Manikaran]]
[[en:Manikaran]]
[[fr:Manikaran]]
[[kn:ಮಣಿಕರಣ್]]