"पण्डित": अवतरणों में अंतर

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[[File:Brahmin boy ritual.jpg|jpg|thumb|200px|एक पंडितपण्डित (ब्राह्मण)]]
 
'''पंडितपण्डित''' (पंडित), या '''पंडापण्डा''' (पंडा) का अर्थ है एक विद्वान,, एक अध्यापक, विशेषकर जो [[संस्कृत]] और [[हिंदू]] [[विधि]], [[धर्म]], [[संगीत]] या [[दर्शनशास्त्र]] में दक्ष हो। अपने मूल अर्थ में 'पंडितपण्डित' शब्द से लगभग हमेशा [[हिंदुत्व|हिंदू]], [[ब्राह्मण]] से लिया जाता है जिसने [[वेद|वेदों]] का एक मुख्य भाग उनके [[उच्चारण]] और गायन के लय-[[ताल]] सहित स्मरण कर लिया हो।
[[File:Brahmin boy ritual.jpg|jpg|thumb|200px|एक पंडित ब्राह्मण]]
'''पंडित''', या '''पंडा''' का अर्थ है एक विद्वान,, एक अध्यापक, विशेषकर जो संस्कृत और [[हिंदू]] [[विधि]], [[धर्म]], [[संगीत]] या [[दर्शनशास्त्र]] में दक्ष हो। अपने मूल अर्थ में 'पंडित' शब्द से लगभग हमेशा [[हिंदुत्व|हिंदू]], [[ब्राह्मण]] से लिया जाता है जिसने [[वेद|वेदों]] का एक मुख्य भाग उनके [[उच्चारण]] और गायन के लय-[[ताल]] सहित स्मरण कर लिया हो।
 
==धर्म==
पंडितोंपण्डितों और पुजारियों को निजी और सार्वजनिक [[यज्ञ|यज्ञों]] और अन्य कार्यों के लिए [[वैदिक|वेद]] मंत्रोच्चार के लिए [[दान]] के एवज में बुलाया जाता है| इस मंत्रोच्चार का प्रयोजन शांत [[मन]] से उसे सुनते हुए श्रोता की आध्यात्मिक उन्नति के साथ उस कार्य के [[वातावरण]] को जीवंत करना होता है| अधिकतर पंडितपण्डित आध्यात्मिक कारणों से [[शाकाहार|शाकाहारी]] होते हैं| [[शरीर]] और मन को पवित्र रखना उनसे अपेक्षित होता है।
 
=='पंडितपण्डित' उपनाम==
पंडितपण्डित [[उपनाम]] जो अधिकतर [[कश्मीर|कश्मीरियों]] में पाया जाता था, अब सारे [[भारत]] में पाया जाता है| यह [[उपनाम]] अधिकतर (99%) हिंदुओं में पाया जाता है तथापि इस उपनाम का प्रयोग होना [[कश्मीर]], [[महाराष्ट्र]], [[दिल्ली]], [[उत्तर प्रदेश]], [[मध्यप्रदेश]] और [[बिहार]] में भी होता है। बिहार (भारत) के क्षेत्रों में [[मिट्टी]] की वस्तुएँ बनाने वालों को भी पंडितपण्डित कहा जाता है| [[हिंदी]] में उन्हें [[कुम्हार]] कहा जाता है| वे [[भाट]], वध्यायार, [[पुरोहित]] और [[राजपुरोहित]] के नाम से भी जाने जाते हैं|
 
==संगीत==
आज भारत में 'पंडितपण्डित' एक सम्मान सूचक शब्द है जो किसी क्षेत्र में विशेषज्ञता विशेषतः (भारत के [[शास्त्रीय संगीत]]) के लिए दिया जाता है| इसका प्रयोग हिंदू पुरुष व्याख्याता तक सीमित है| [[मुस्लिम]] पुरुष संगीतकारों को 'उस्ताद' की उपाधि दी जाती है, और '[[विदुषी]]' और '[[बेग़म]]' शब्दों का प्रयोग हिंदू और मुस्लिम महिला व्याख्याता के लिए किया जाता है|
 
पंडितपण्डित शब्द का प्रयोग व्यक्ति के नाम से पूर्व किया जाता है ठीक उसी प्रकार जैसे शब्द 'मैस्ट्रो' का कभी किया जाता है| उदाहरणों में [[पंडितपण्डित रविशंकर]], पंडितपण्डित [[डी.वी. पलुस्कर]], [[पंडितपण्डित भीमसेन जोशी]], [[पंडितपण्डित जसराज]] और [[पंडितपण्डित मल्लिकार्जुन मंसूर]] शामिल हैं|
आज भारत में 'पंडित' एक सम्मान सूचक शब्द है जो किसी क्षेत्र में विशेषज्ञता विशेषतः (भारत के [[शास्त्रीय संगीत]]) के लिए दिया जाता है| इसका प्रयोग हिंदू पुरुष व्याख्याता तक सीमित है| [[मुस्लिम]] पुरुष संगीतकारों को 'उस्ताद' की उपाधि दी जाती है, और '[[विदुषी]]' और '[[बेग़म]]' शब्दों का प्रयोग हिंदू और मुस्लिम महिला व्याख्याता के लिए किया जाता है|
 
==अन्य प्रयोग==
पंडित शब्द का प्रयोग व्यक्ति के नाम से पूर्व किया जाता है ठीक उसी प्रकार जैसे शब्द 'मैस्ट्रो' का कभी किया जाता है| उदाहरणों में [[पंडित रविशंकर]], पंडित [[डी.वी. पलुस्कर]], [[पंडित भीमसेन जोशी]], [[पंडित जसराज]] और [[पंडित मल्लिकार्जुन मंसूर]] शामिल हैं|
पंडितोंपण्डितों और [[धर्मशास्त्र]] में पारंगत स्थानिकों को [[१८वीं शताब्दी|१८वीं]] और [[१९वीं शताब्दी]] के दौरान [[न्यायालय]] के परामर्शदाता के तौर पर भी नियुक्त किया जाता था| प्रारंभ में ब्रिटिश न्यायाधीशों को हिंदू रीति-रिवाज़ों और मौखिक परंपराओं का बहुत कम ज्ञान था और वे विशेष प्रश्नों पर उनसे जानकारी माँग सकते थे|
 
भारत के [[उच्चतम न्यायालय]] में उच्चतम न्यायालय के पंडितपण्डित की शैली का विधि अधिकारी होता था जो हिंदू विधि के बिंदुओं पर अंग्रेज़ न्यायाधीशों को परामर्श देता था| इस [[प्रथा]] को १८६४ में बंद कर दिया गया क्योंकि न्यायाधीशों ने हिंदू विधि में कार्य हेतु कुछ अनुभव प्राप्त कर लिया था और विकसित हो चुके 'केस विधि भंडार' का उपयोग शुरू कर दिया था| इससे दो वर्ष पूर्व १८६२ में उच्च न्यायालय की संस्था ने भी उनका आधिकारिक प्रयोग कम कर दिया था|
==अन्य प्रयोग==
 
पंडितपण्डित शब्द का प्रयोग उन भारतीय सर्वेक्षकों के लिए भी किया गया जिन्होंने [[१९वीं शताब्दी]] में ब्रिटिश के लिए [[उत्तर भारत]] के क्षेत्रों का अन्वेषण किया|
पंडितों और [[धर्मशास्त्र]] में पारंगत स्थानिकों को [[१८वीं शताब्दी|१८वीं]] और [[१९वीं शताब्दी]] के दौरान [[न्यायालय]] के परामर्शदाता के तौर पर भी नियुक्त किया जाता था| प्रारंभ में ब्रिटिश न्यायाधीशों को हिंदू रीति-रिवाज़ों और मौखिक परंपराओं का बहुत कम ज्ञान था और वे विशेष प्रश्नों पर उनसे जानकारी माँग सकते थे|
भारत के [[उच्चतम न्यायालय]] में उच्चतम न्यायालय के पंडित की शैली का विधि अधिकारी होता था जो हिंदू विधि के बिंदुओं पर अंग्रेज़ न्यायाधीशों को परामर्श देता था| इस [[प्रथा]] को १८६४ में बंद कर दिया गया क्योंकि न्यायाधीशों ने हिंदू विधि में कार्य हेतु कुछ अनुभव प्राप्त कर लिया था और विकसित हो चुके 'केस विधि भंडार' का उपयोग शुरू कर दिया था| इससे दो वर्ष पूर्व १८६२ में उच्च न्यायालय की संस्था ने भी उनका आधिकारिक प्रयोग कम कर दिया था|
 
==पश्चिम में पण्डित==
पंडित शब्द का प्रयोग उन भारतीय सर्वेक्षकों के लिए भी किया गया जिन्होंने [[१९वीं शताब्दी]] में ब्रिटिश के लिए [[उत्तर भारत]] के क्षेत्रों का अन्वेषण किया|
पश्चिम में पण्डित शब्द का प्रयोग किसी विधा के एक दक्ष, विशेषज्ञ व्यक्ति के रुप में भी किया जाता है। उदाहरण के लिये प्रोग्रामिंग पण्डित, मार्केटिंग पण्डित आदि।
 
==यहइन्हें भी देखें==
*[[मंत्र]]
*[[विक्रम पंडितपण्डित]]
 
==संदर्भ==