"कछवाहा": अवतरणों में अंतर

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स्याऊ रियासत का सजरा
 
इतिहास अतीत के माध्यम से वर्तमान को समझने की सतत् प्रक्रिया है जो भविष्य के लिए मार्ग प्रशस्त करता है|एक प्रकार से यह परम्परा का पुनसुर्जन है|अतीत के प्रति आस्था भविष्य के प्रति सशक्त प्रेरणा है|क्षत्रियोंका इतिहास संपूर्ण भारत के लिए गौरव की वस्तु है|वह भारत के सर्वश्रेष्ठ सांस्कृतिक मूल्यों का प्रतिनिधित्व करता है|वस्तुतः उनका संपूर्ण इतिहास शौर्य और उत्सर्ग की अभीष्ट कहानी है|यही कारण है की क्षत्रिय-धर्म आचार्य रामचन्द्र शुक्ल जैसे मर्मज्ञ साहित्यकारों को भी सम्मोहित करता रहा है|खेद की बात है कि इतना समृद्ध इतिहास स्वयं हमसे विस्मृत होता जा रहा है|