"मूर्छाशास्त्र": अवतरणों में अंतर

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शल्य क्रिया के लिए उस स्थिति का निर्माण करना जिससे की व्यक्ति को दर्द और अहसास न हो। यह कई प्रकार से किया जा सकता है। किसी व्यक्ति को पूरी तरह से बेहोश करके या किसी हिस्से को चेतनाशून्य करके। पूरी तरह से बेहोश करने को जनरल एनेस्थीसिया और किसी हिस्से को चेतनाशून्य करने को लोकल या रीज़नल एनेस्थीसिया कहा जाता है। इस अवस्था को प्रदान करने वाले चिकित्सक को मूर्छक, बेहोशी का डाक्टर (अनेस्थेटिक, अनेस्थेटिस्ट, अनेस्थेसीओलोजिस्ट) कहते हैं।