"वॉयेजर द्वितीय": अवतरणों में अंतर

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{{Infobox Spacecraft
|Name =वायेजर द्वितीय
|Image =[[Imageचित्र:Voyager.jpg|300px]]
|Caption =वायेजर यान का एक मॉक-अप चित्र
|Organization =[[नासा]]
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|Flyby_Of =[[बृहस्पति]], [[शनि]], [[युरेनस]], एवं [[नेप्चून]]
|Launch =२० अगस्त, १९७७ <!-- <small>({{Age at date|1977|08|20}} ago)</small> -->
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}}
'''वायेजर द्वितीय''' एक [[संयुक्त राज्य|अमरीकी]] मानव रहित [[अंतरिक्ष यान|अंतरग्रहीय शोध यान]] था जिसे [[वायेजर १]] से पहले [[२० अगस्त]] [[१९७७]] को अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी [[नासा]] द्वारा प्रक्षेपित किया गया था। यह काफी कुछ अपने पूर्व संस्करण यान वायेजर १ के समान ही था, किन्तु उससे अलग इसका यात्रा पथ कुछ धीमा है। इसे धीमा रखने का कारण था इसका पथ [[युरेनस]] और [[नेपचून]] तक पहुंचने के लिये अनुकूल बनाना। इसके पथ में जब शनि ग्रह आया, तब उसके [[गुरुत्वाकर्षण]] के कारण यह युरेनस की ओर अग्रसर हुआ था और इस कारण यह भी वायेजर १ के समान ही [[बृहस्पति]] के चन्द्रमा [[टाईटन]] का अवलोकन नहीं कर पाया था। किन्तु फिर भी यह युरेनस और नेपच्युन तक पहुंचने वाला प्रथम यान था। इसकी यात्रा में एक विशेष ग्रहीय परिस्थिति का लाभ उठाया गया था जिसमे सभी ग्रह एक सरल रेखा मे आ जाते है।<ref name="अंतरिक्ष">[http://antariksh.wordpress.com/2007/03/19/voyegar2/ मानव इतिहास का सबसे सफल अभियान :वायेजर २]</ref> यह विशेष स्थिति प्रत्येक १७६ वर्ष पश्चात ही आती है। इस कारण इसकी [[ऊर्जा]] में बड़ी बचत हुई और इसने ग्रहों के गुरुत्व का प्रयोग किया था।
== प्रक्षेपण ==
[[Imageचित्र:Titan 3E Centaur launches Voyager 2.jpg|thumb|२० अगस्त, १९७७ को लॉन्च हुआ वॉयेजर द्वितीय यान [[टाइटन तृतीय ई]]/[[सेन्टॉर रॉकेट|सेन्टॉर]] के संग]]
वॉयेजर द्वितीय ने अपनी यात्रा में चार ग्रहों और उनके अनेक चंद्रमाओं का अवलोकन और अध्ययन किया तथा अपने शक्तिशाली कैमरों और उपकरणो से चित्र भी लिये। इसके साथ ही इसकी विशेषता ये भी है कि इसपर हुआ व्यय अन्य विशेष शोध यानों जैसे गैलेलीयो या कासीनी-हायगेन्स की तुलना मे काफी कम रहा है। यह यान मूलतः मैरीनर कार्यक्रम के यान मैरीनर १२ के रूप मे बनाया गया था। इसे २० अगस्त १९७७ को केप केनेवरल फ्लोरिडा से [[टाईटन तृतीय ई]] [[सेन्टॉर राकेट]] से प्रक्षेपित किया गया था।
 
=== बृहस्पति ===
वॉयेजर द्वितीय [[बृहस्पति]] ग्रह से निकटतम दूरी ५७०,००० किमी पर ९ जुलाई १९७९ रहा था। इस यान ने गुरू के कुछ वलयो की खोज भी की थी। इसके द्वारा गुरू के चन्द्रमा आयो के चित्र और वहां एक सक्रिय ज्वालामुखी का ज्ञान भी लिया गया था। इस तरह सर्वप्रथम किसी अंतरिक्ष पिंड पर ज्वालामुखी के बारे में ज्ञान हुआ था। खगोलशास्त्री गुरु ग्रह को आंखो से और दूरबीन से शताब्दियों से देखते रहे हैं, किन्तु वायेजर २ से इसके आश्चर्यजनक चित्र मिले हैं। यहां स्थित विशाल लाल धब्बा एक महाकाय तूफान है जो वामावर्त दिशा मे घूम रहा है। और कई छोटे तूफानों का भी पता चला है। आयो चन्द्रमा का सक्रिय [[ज्वालामुखी]] सबसे ज्यादा अनपेक्षित खोज थी। इससे उत्सर्जित लावा और धुआं सतह से ३०० किमी तक अधिकतम गति १ कि.मी प्रति सेकंड तक जाता है। इस ज्वालामुखी से उत्सर्जीत पदार्थ [[गंधक]](सल्फर), [[आक्सीजन]], [[सोडियम]] गुरू से लाखो किमी दूर तक पाये गये हैं।
 
वायेजर १ द्वारा लिये गए युरोपा चंद्रमा के चित्रों परस्पर काटती रेखाओ जैसी संरचनाओ का पता चला था। गीनीमेड सौरमंडल का सबसे बड़ा चन्द्रमा है, जिसका व्यास ५,२७६ किमी है। इसकी सतह पर दो तरह के मैदान दिखायी दिये है एक क्रेटर से भरा हुआ है दूसरा पहाड़ो से। गुरू के वलय और चन्द्रमा गुरू के चुंबकीय प्रभाव के जाल मे फंसे एक घने [[इलेक्ट्रान]] और आयन के एक बड़े विकीरण पट्टे के मध्य है।
 
=== शनि ===
वॉयेजर द्वितीय २५ अगस्त १९८१ को [[शनि]] ग्रह के निकटतम दूरी पर रहा था। शनि के पीछे रहते हुये वायेजर २ ने शनि के बाहरी वातावरण के तापमान और घनत्व को मापा जो (७ किलो [[पास्कल]]) पर तापमान ७० केल्विन(-२०३ डिग्री सेल्सियस) और अंदरूनी तह पर (१२० किलो पास्कल) पर १४३(-१२० डिग्री [[सेल्सियस]]) केल्विन तापमान पाया। उत्तरी ध्रुव पर [[तापमान]] १० केल्विन कम था, जो की मैसम के अनुसार बदल सकता है। इसके मुख्य चंद्रमाओं में आयपेट्स, एन्सेलडस, टाईटन आदि हैं।
इसके बाद यान युरेनस ग्रह को अग्रसर हुआ था।
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== सूदूर अंतरिक्ष में ==
वायेजर द्वितीय का ग्रहीय अभियान नेपच्युन के साथ पूर्ण हुआ था। इसके बाद यह यान सौर मंडल के बाहर अंतरखगोल अभियान में बदल गया। वायेजर अभी भी [[हीलीयोस्फीयर]] के अंदर है। इस यान पर वायेजर १ के समान एक सोने की ध्वनि व चित्र वाली डिस्क है, जिसमें किसी संभावी बुद्धिमान सभ्यता के लिये पृथ्वीवासीयो का संदेश है। इस डिस्क पर पृथ्बी और उसके जीवो के चित्र हैं। इस पर पृथ्वी पर की विभिन्न ध्वनियां जैसे [[व्हेल]] की आवाज, बच्चे के रोने की आवाज, [[समुद्र]] के लहरो की आवाज है।
 
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== वर्तमान स्थिति ==
[[Imageचित्र:Outersolarsystem-probes-4407.jpg|500px|thumb|center|पायोनियर और वॉयेजर अंतरिक्ष यानों की स्थिति और संभावित यात्रा पथ, २००७ अनुसार]]
''वॉयेजर द्वितीय'' की ताजा स्थिति, १ नवंबर, २००९ के अनुसार -५४.५९° [[झुकाव]] एवं १९.७३३ घंटे [[दायां आरोहण]] थी, जिसे पृथ्वी से देखने पर [[टेलीस्कोपियम]] नामक [[नक्षत्र]] में देखा जा सकता है। वॉयेजर द्वितीय से लागातार हुए टेलीमेट्री संचार वार्तालापों के बारे में जानकारी [http://voyager.jpl.nasa.gov/mission/weekly-reports/index.htm वॉयेजर साप्ताहिक रिपोर्ट] पर देखी जा सकती है। यान की वर्तमान स्थिति के बारे में जानाकारी हेतु [http://heavens-above.com/solar-escape.asp?/ हैवन्स अबव] देखें।
 
{{-}}
 
== संदर्भ ==
<references />
 
== बाहरी सूत्र ==
 
{{गुरु के अंतरिक्ष यान}}
{{शनि के अंतरिक्ष यान}}
 
[[श्रेणी:अंतरिक्ष यान]]
 
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[[en:Voyager 2]]
[[es:Voyager 2]]
[[fa:ویجروویجر ۲]]
[[fi:Voyager 2]]
[[fr:Voyager 2]]