"वीणा": अवतरणों में अंतर
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वीणा भारत के लोकप्रिय वाद्ययंत्र में से एक है जिसका प्रयोग प्राय: शास्त्रीय संगीत में किया जाता है। एक पौराणिक कथा के अनुसार वीणा का सृजन स्वयं भगवान शिव ने पार्वती देवी के रूप को समर्पित करते हुए किया था।
वीणा सुर ध्वनिओं के लिये भारतीय संगीत में प्रयुक्त सबसे प्राचीन वाद्ययंत्र है। समय के साथ इसके कई प्रकार विकसित हुए हैं (रुद्रवीणा, विचित्रवीणा इत्यादि) । मध्यकाल में जनाब अमीर खुसरो दहलवी ने सितार की रचना वीणा और बैंजो (जो इस्लामी सभ्यताओं में लोकप्रिय था) को मिलाकर किया।
सामान्य तौर पर इसमें चार तार होते हैं और तारों की लंबाई में किसी प्रकार का विभाजन (fret) नहीं होता (जबकि सितार में विभाजन किया जाता है)। इस कारण वीणा प्राचीन संगीत के लिये ज्यादा उपयुक्त है।
[[श्रेणी:भारत के वाद्ययंत्र]]
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