"चैतन्य चरितामृत": अवतरणों में अंतर

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[[चैतन्य महाप्रभु]] पर भी उनके चरित्र को प्रकाश में लाने वाले जीवनी के सूत्रों पर सधे ग्रंथ ब्रजभाषा में लिखे गए। ऐसा एक महत्वपूर्ण ग्रंथ श्री '''चैतन्य चरितामृत''' है। यह कविराज श्री कृष्णदास के इसी नाम के प्रसिद्ध ग्रंथ का सुकल श्याम अथवा बेनीकृष्ण कृत "ब्रजभाषा'" रुपांतर है, यह १७७५ के लगभग प्रणीत हुआ। इस ग्रंथ को श्री [[:en:Krishnadasa Kaviraja|कृष्णदास कविराज गोस्वामी]] ने रचा था।
 
==बाहरी कड़ियाँ==