"लोक सेवा गारंटी अधिनियम २०१० (म प्र)": अवतरणों में अंतर

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05:31, 21 अक्टूबर 2010 का अवतरण

लोक सेवा गारंटी अधिनियम २०१० भारत के मध्य प्रदेश राज्य द्वारा पारित एक विधेयक है। इसके अनुसार लोक सेवकों को तय समयसीमा में काम को पूरा करना होगा और ऐसा न होने पर जवाबदेही तय कर उन पर 500 से 5000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा।

नागरिकों को विद्युत, जल के कनेक्शन, बच्चों को स्कूल में प्रवश, जन्म, मृत्यु, निवास और विवाह के प्रमाण पत्र बनवाने के लिए कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने होंगे। एफ.आई.आर. की कापी के लिए विनय नहीं करना होगा। राशन कार्ड और हैण्डपंप की मरम्मत में देरी नहीं होगी। समय से सभी काम होंगे जो काम समय से नहीं होंगे उन कामों को करने में देर करने वाला दंडित होगा। देरी से पीडि़त को क्षतिपूर्ति मिलेगी। यह क्षतिपूर्ति 250 से 5000 रूपए तक की हो सकती है।

म.प्र. लोक सेवा प्रदाय की गारंटी विधेयक 2010 एक अभूतपूर्व विधेयक है। इसके परिणाम भी अभूतपूर्व ही होंगे। समय से काम होगें तथा भ्रष्टाचार की प्रवृत्ति नियत्रित होगी। कार्यों के संचालन में देरी करने पर जुर्माने के प्रावधान से अनावल्लयक विलम्ब की प्रवृत्ति भी रूकेगी। कार्यों में पारदल्र्लिाता आएगी, क्योंकि गलत तरीके से आवेदनों को निराकृत नहीं किया जा सकेगा। स्पष्ट व्याख्या ही निराकरण का आधार होगी। समय सीमा में कार्य होने से प्रकरण निश्चित अवधि में ही निराकृत होंगे। अनावश्यक प्रलोभन की प्रवत्ति रूकेगी।

म.प्र. लोक सेवाओं की गारंटी विधेयक 2010 एक ऐतिहासिक कदम है। नागरिक प्रल्लाासन में नागरिकों की भागीदारी, उनके अधिकारों के संरक्षण का अभूतपूर्व प्रयास है। यह कानून लाल फीताशाही (रेड टेपिज्म) पर नियंत्रण का एक सश्क्त माध्यम बनेगा। इस विधेयक का सभी वर्गों और सभी दलों ने स्वागत किया है।

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