"दशहरा": अवतरणों में अंतर
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{{cite web |url= http://rypcg.rediffiland.com/blogs/2008/10/01/.html |title= सांस्कृतिक परंपराओं की विरासत - बस्तर दशहरा|accessmonthday= १ अक्तूबर|accessyear= २००८ |format= एचटीएम|work= |publisher= [[रीडिफ]] आईलैंड |pages= १|language=}}</ref>
'''[[बंगाल]]''','''[[ओडिशा]]''' और '''[[असम]]''' में यह पर्व [[दुर्गा पूजा]] के रूप में ही मनाया जाता है। यह [[बंगाली|बंगालियों]],[[ओडिआ]],और [[आसाम]] के लोगों का सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है। पूरे [[पश्चिम बंगाल|बंगाल]] में पांच दिनों के लिए मनाया जाता है।[[ओडिशा]] और [[असम]] मे ४ दिन तक त्योहार चलता है। यहां देवी दुर्गा को भव्य सुशोभित पंडालों विराजमान करते हैं। देश के नामी कलाकारों को बुलवा कर दुर्गा की मूर्ति तैयार करवाई जाती हैं। इसके साथ अन्य देवी द्वेवताओं की भी कई मूर्तियां बनाई जाती हैं। त्योहार के दौरान शहर में छोटे मोटे स्टाल भी मिठाईयों से भरे रहते हैं। यहां षष्ठी के दिन दुर्गा देवी का बोधन, आमंत्रण एवं प्राण प्रतिष्ठा आदि का आयोजन किया जाता है। उसके उपरांत सप्तमी, अष्टमी एवं नवमी के दिन प्रातः और सायंकाल दुर्गा की पूजा में व्यतीत होते हैं।अष्टमी के दिन महापूजा और बलि भि दि जाति है। दशमी के दिन विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है। प्रसाद चढ़ाया जाता है और प्रसाद वितरण किया जाता है। पुरुष आपस में आलिंगन करते हैं, जिसे कोलाकुली कहते हैं।<ref name = "भास्कर विजयादशमी">
{{cite web |url= http://www.bhaskar.com/spotlight/dussehra/200710190710191650_vijayadashmi.html|title= विजयादशमी |accessmonthday= १९ अक्तूबर|accessyear= २००७ |format= एचटीएम|work= |publisher= भास्कर डॉट कॉम|pages= १|language=}}</ref> स्त्रियां देवी के माथे पर सिंदूर चढ़ाती हैं, व देवी को अश्रुपूरित विदाई देती हैं। इसके साथ ही वे आपस में भी सिंदूर लगाती हैं, व सिंदूर से खेलते हैं। इस दिन यहां [[नीलकंठ]] पक्षी को देखना बहुत ही शुभ माना जाता है। <ref name = "भास्कर विजयादशमी"/> तदनंतर देवी प्रतिमाओं को बड़े-बड़े ट्रकों में भर कर विसर्जन के लिए ले जाया जाता है। विसर्जन की यह यात्रा भी बड़ी शोभनीय और दर्शनीय होती है। <ref name = "भास्कर भारत"/>
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