"अमोनियम": अवतरणों में अंतर

नया पृष्ठ: thumb|'''NH<sub>4</sub><sup>+</sup> आयन''' '''अमोनियम''' (ammonium) धनायन (cation) चतुःपरमाण...
 
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तो भी अमोनिया गैस निकलती है।
 
'''अमोनियम ऐसीटेट या एथेनोएट''' (CH<sub>3</sub> COONH<sub>4</sub>)- श्वेत जलग्राही ठोस जिसका उपयोग रंगों के बनाने तथा मांस के परिरक्षी के रूप में किया जाता है।
के बनाने तथा मांस के परिरक्षी के रूप में किया जाता है।
 
'''अमोनियम कार्बोनेट''' (NH<sub>4</sub>)<sub>2</sub> CO<sub>3</sub>) श्वेत क्रिस्टलीय ठोस जो प्राय: मोनोहाइड्रेट के के रूप में पाया जाता है। यह जल में विलेय, अस्थायी लवण है जो वायु में खुला
के रूप में पाया जाता है। यह जल में विलेय, अस्थायी लवण है जो वायु में खुला
रखने पर अमोनिया, जल तथा CO<sub>2</sub> में विघटित हो जाता है-
 
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रँगाई, ऊन उद्योग तथा बेकिंग चूर्ण बनाने के भी काम आता है।
 
'''अमोनियम क्रोमेट''' (NH<sub>4</sub>)<sub>2</sub>Cषौ<sub>4</sub>-) यह सुनहरा पीला ठोस होता है जो गर्म करने पर अमोनिया, जल तथा डाइक्रोमेट में विघटित हो जाता है। यह जल में विलेय है।
अमोनिया, जल तथा डाइक्रोमेट में विघटित हो जाता है। यह जल में विलेय है।
डाइक्रोमेट भी जलविलेय होता है।
 
'''अमोनियम क्लोराइड''' (NH<sub>4</sub> C<sub>1</sub>-Cl) इसका अन्य नाम [[नौसादर]] (शल् अम्मोनिअच्) भी है। यह एक
श्वेत क्रिस्टलीय, जल में अत्यधिक विलेय पदार्थ है जो अधिक गर्म करने पर बिना
पिघले ऊर्ध्वपातित हो जाता है <sub>3</sub><sub>3</sub>ऑ33 डिग्री से ऊपर गर्म करने पर यह अमोनिया तथा HHClHCl गैस
में परिणत हो जाता है-

NH<sub>4</sub> HClCl -_NH-> NH<sub>3</sub>+HHCl HCl
(ठोस) --> गैस + गैस
 
इसे अमोनियम सल्फेट तथा सोडियम क्लोराइड विलयनों के उभय अपघटन द्वारा तैयार
करते हैं -
 
(NH<sub>4</sub>)<sub>2</sub> SO<sub>4</sub>+<sub>2</sub>Na HCl-_ <sub>2</sub>NH<sub>4</sub>HCl+Na<sub>2</sub>SO<sub>4</sub>
विलियन को सान्द्रित करके पहले Na<sub>2</sub>SO<sub>4</sub> को क्रिस्टलित कर लेते हैं क्योंकि यह कम
विलेय है Oर बाद में ऊर्ध्वपातन द्वारा अमोनियम क्लोराइड क्रिस्टलित कर
लिया जाता है।
इसका उपयोग धातुओं को जोड़ने, कपड़ों की रँगाई, छपाई तथा शुष्क बैटरियों में
किया जाता है। प्रयोगशाला अभिकर्मक के रूप में तथा Oषधालयों में Oषधि रूप में
प्रयुक्त। यह उत्तम उर्वरक भी है। वाराणसी के पास साहूपुरी में इस उर्वरक का
कारखाना है।
 
विलियन को सान्द्रित करके पहले Na<sub>2</sub>SO<sub>4</sub> को क्रिस्टलित कर लेते हैं क्योंकि यह कम विलेय है और बाद में ऊर्ध्वपातन द्वारा अमोनियम क्लोराइड क्रिस्टलित कर लिया जाता है।
अमोनियम थायोसायनेट NH<sub>4</sub>Cण्श्- रंगहीन क्रिस्टलीय पदार्थ जिसका उपयोग
इसका उपयोग धातुओं को जोड़ने, कपड़ों की रँगाई, छपाई तथा शुष्क बैटरियों में किया जाता है। प्रयोगशाला अभिकर्मक के रूप में तथा औषधालयों में औषधि रूप में प्रयुक्त। यह उत्तम उर्वरक भी है। वाराणसी के पास साहूपुरी में इस उर्वरक का कारखाना है।
 
'''अमोनियम थायोसायनेट''' ( NH<sub>4</sub>Cण्श्-) रंगहीन क्रिस्टलीय पदार्थ जिसका उपयोग
खरपतवारनाशी के रूप में होता है।
 
'''अमोनियम नाइट्राइट''' (NH<sub>4</sub>NO<sub>2</sub>-) यह पीताभ ठोस है जिसे अमोनिया के आंशिक आक्सीकरण द्वारा प्राप्त किया जाता है। गर्म करने पर जल तथा नाइट्रोजन गैस में परिणत हो
जाता है-
द्वारा प्राप्त किया जाता है। गर्म करने पर जल तथा नाइट्रो--जन गैस में परिणत हो
जाता है- NH<sub>4</sub>NO<sub>2</sub> -N<sub>2</sub>+<sub>2</sub>H<sub>2</sub>O
 
जाता है- NH<sub>4</sub>NO<sub>2</sub> -N<sub>2</sub>+<sub>2</sub>H<sub>2</sub>O
अमोनियम नाइट्रेट NH<sub>4</sub>NO<sub>3</sub>- रंगहीन क्रिस्टलीय, जलविलेय लवण। प्रयोगशाला में जलीय
 
अमोनिया को नाइट्रिक अम्ल द्वारा उदासीन करके बनाया जा सकता है। Oद्योगिक विधि
'''अमोनियम नाइट्रेट''' (NH<sub>4</sub>NO<sub>3</sub>-) रंगहीन क्रिस्टलीय, जलविलेय लवण। प्रयोगशाला में जलीय अमोनिया को नाइट्रिक अम्ल द्वारा उदासीन करके बनाया जा सकता है। औद्योगिक विधि
मे अमोनिया गैस प्रयुक्त की जाती है।
मे अमोनिया गैस प्रयुक्त की जाती है। यह उत्तम उर्वरक है। यह प्रबल आक्सीकारक है अत: इसे कार्बनिक पदार्थों के साथ नहीं मिलाना चाहिए। इसका उपयोग विस्फोटक तथा हिमकारी मिश्रण बनाने में कियाजाता
नहीं मिलाना चाहिए। इसका उपयोग विस्फोटक तथा हिमकारी मिश्रण बनाने में कियाजाता
है। अन्य नाइट्रेटों से इस बात में भिन्न है कि गर्म करने पर नाइट्रस आक्साइड
(हास गैस) उत्पन्न करता है- NH<sub>4</sub> NO<sub>3</sub> - N<sub>2</sub>O + <sub>2</sub>H<sub>2</sub>O
 
NH<sub>4</sub> NO<sub>3</sub> - N<sub>2</sub>O + <sub>2</sub>H<sub>2</sub>O
अमोनियम फास्फेट -फास्फोरिक अम्ल एवं अमोनियम हाइड्रा_क्साइड के क्रमिक
 
उदासीनीकरण से अमोनियम डाइहाइड्रोजन फास्फेट (NH<sub>4</sub>H<sub>2</sub>PO<sub>4</sub>,) अमोनियम हाइड्रोजन
'''अमोनियम फास्फेट''' - फास्फोरिक अम्ल एवं अमोनियम हाइड्रा_क्साइडहाइड्राक्साइड के क्रमिक
फास्फेट (NH<sub>4</sub>PO<sub>4</sub>) यौगिक बनते हैं। इनका उपयोग मुख्य रूप से फास्फेटी उर्वरकोंके
उदासीनीकरण से अमोनियम डाइहाइड्रोजन फास्फेट (NH<sub>4</sub>H<sub>2</sub>PO<sub>4</sub>) अमोनियम हाइड्रोजन फास्फेट (NH<sub>4</sub>PO<sub>4</sub>) यौगिक बनते हैं। इनका उपयोग मुख्य रूप से फास्फेटी उर्वरकों के रूप में तथा प्रयोगशाला में अभिकर्मकों के रूप में किया जाता है। ये रंगहीन
क्रिस्टलीय यौगिक हैं।
 
'''अमोनियम मालिब्डेट'''- अमोनिया तथा मालिब्डक अम्ल की क्रिया से अनेक लवण बनते हैं।
इसका उपयोग फास्फेट के अवक्षेपण के लिए अभिकर्मक रूप में किया जाता है। यह
सूक्ष्ममात्रिक तत्व की पूर्तिका प्रमुख साधन है।
 
'''अमोनियम सल्फेट''' (NH<sub>4</sub>)<sub>2</sub>SO<sub>4</sub>-) यह क्रिस्टलीय रंगहीन जलविलेय लवण है जिसका जलीय विलयन अम्लीय होता है। इसे अमोनिया गैस तथा सल्फ्यूरिक अम्ल की अभिक्रिया द्वारा तैयार करते हैं। व्यापारिक स्तर पर जिप्सम निलम्बन में NH<sub>3</sub> तथा CO<sub>2</sub> गैसप्रवाहित करके अमोनियम सल्फेट तैयार करते हैं-
 
विलयन अम्लीय होता है। इसे अमोनिया गैस तथा सल्फ्यूरिक अम्ल की अभिक्रियाद्वारा
तैयार करते हैं। व्यापारिक स्तर पर जिप्सम निलम्बन में NH<sub>3</sub> तथा CO<sub>2</sub> गैसप्रवाहित
करके अमोनियम सल्फेट तैयार करते हैं-
<sub>2</sub> NH<sub>3</sub>+CO<sub>2</sub>+H<sub>2</sub>O -(NH<sub>4</sub>)<sub>2</sub>CO<sub>2</sub>
 
(NH<sub>4</sub>)<sub>2</sub> CO<sub>3</sub> +CaSO<sub>4</sub>- CaCO<sub>3</sub> -(NH<sub>4</sub>)<sub>2</sub> SO<sub>4</sub>
 
अधिक गर्म करने पर अमोनिया गैस निकलती है Oरऔर अमोनियन हाइड्रोजन सल्फेट बनता है-
 
(NH<sub>4</sub>)<sub>2</sub>SO<sub>4</sub> -NH<sub>4</sub>श्HO<sub>4</sub>- NH<sub>3</sub>
 
Oर अधिक गर्म करने पर नाइट्रो--जन गैस भी निकल सकती है। क्षारों के साथ गर्म करने
और अधिक गर्म करने पर नाइट्रोजन गैस भी निकल सकती है। क्षारों के साथ गर्म करने पर अमोनिया गैस निकलती है। इसका प्रमुख उपयोग नाइट्रोजन उर्वरक के रूप में होता है। हमारे देश में सिन्दरी, नंगल तथा ट्राम्बे में इस उर्वरक के कारखाने हैं। अमोनियम सल्फेट-नाइट्रेट एक उभयलवण है जो उर्वरक की भाँति प्रयुक्त
पर अमोनिया गैस निकलती है।
इसका प्रमुख उपयोग नाइट्रोजन उर्वरक के रूप में होता है। इसमें लगभग <sub>1</sub><sub>6</sub><sub>5</sub>
नाइट्रो--जन रहता है। हमारे देश में सिन्दरी, नंगल तथा ट्राम्बे में इस उर्वरक के
कारखाने हैं। अमोनियम सल्फेट-नाइट्रेट एक उभयलवण है जो उर्वरक की भाँतिप्रयुक्त
होता है।
 
'''अमोनियम हाइड्रा_क्साइडहाइड्राक्साइड''' (NH<sub>4</sub>OH-) यह अमोनिया का जलीय विलयन है Oरऔर दुर्बल क्षार है।
यह लाल लिटमस को नीला कर देता है। इसका सान्द्र विलयन लिकर अमोनिया कहलाता है
जिसे बोतलों में बन्द करके रखा जाता है। यह अत्यन्त स्थायी है Oरऔर अमोनिया गैस उत्पन्न करता है-
उत्पन्न करता है-
 
NH<sub>4</sub>OH-NH<sub>3</sub> +H<sub>2</sub>O
 
अम्लों के साथ अभिक्रिया करके लवण बनाता है। यह विभिन्न धात्विक लवणों के साथ अविलेय हाइड्रा_क्साइड के अवक्षेप बनाताहै।तृतीयबनाताहै। तृतीय समूह के धातु मूलकों को विलग करने में इसी गुणधर्म का उपयोग किया जाता है। यह कापर सल्फेट के साथ संकर निर्माण करता है। यह AgCl अवक्षेप को विलयित करता है।
समूह के धातु मूलकों को विलग करने में इसी गुणधर्म का उपयोग किया जाता है। यह
कापर सल्फेट के साथ संकर निर्माण करता है। यह आग्HCl अवक्षेप को विलयित करता है।
इसके उपयोग अमोनिया जैसे ही हैं।