"आस्ट्रेलिया दिवस": अवतरणों में अंतर

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आस्ट्रेलियाई सरकार एवं जनता बहुत दिन पहले से ही इस उत्सव को मनाने की योजना बनाने लगती है। यह दिवस ऑस्ट्रेलिया के सभी राज्यों में धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन संपूर्ण आस्ट्रेलिया में सार्वजनिक अवकाश होता है।
== इतिहास ==
24 जनवरी, सन 1788 में ब्रिटेन का पहला जहाज़ी बेड़ा सिडनी पहुंचा था और इस नयी भूमि पर ब्रिटिश झंडा फहरा कर ब्रिटिश अधिपत्य होने की घोषणा की गई थी। तब इसे न्यू हॉलैंड नाम दिया गया था न्यू होलैंड।था। इस पहले जहाज़ी बेड़े में कुल मिलाकर ग्यारह जहाज़ थे और ये जहाज़ ब्रिटेन के अपराधियों से भरे हुए ग्यारह जहाज़ थे। ये जहाज़ ब्रिटेन से 13 मई 1787 को रवाना हुए थे। इनमें 1487 यात्री थे, जिनमें से 778 अपराधी थे। इस फ्लीटबेड़े के कप्तान आर्थर फिलिप थे। ब्रिटेन की योजना इस भूमि को बसानेबसाकर कीउसपर तोअपना थीअधिकार हीकरने औरके साथ ही साथ ब्रिटेन की पहले से ही भरी हुई जेलों से अपराधियों को दूर भेजने की भी थी। इस यात्रा के दौरान सात बच्चों ने जन्म लिया कुछ लोग बीमार होकर मर गए। इस कठिन यात्रा में जहाज़ों को रोककर ताज़ा पानी और भोजन लिया गया। यात्रा के बीच रिओ डि जिनारियो में रुकने के बाद फ्लीट का आख़िरी पड़ाव 13 अक्टूबर को दक्षिण अफ्रीका का केप टाउन था और वहां से खाने के अतिरिक्त पौधे और जानवर भी लिए गए जिसमें गाय, बैल, सूअर, बकरी और भेड़ थे। अब सामने था अगाध समुद्र का विस्तार और कठिन यात्रा, जो जनवरी में ऑस्ट्रेलिया पहुँच कर समाप्त हुई। यह समुद्री यात्रा कुल मिलाकर 252 दिनों तक चली और इसे अपने समय की एक ऐतिहासिक यात्रा के रूप में माना जाता है।
ये सभी जहाज़ 18 -20 जनवरी के बीच न्यू साउथ वेल्ज़ में ‘बोटनी बे’ पहुंचे परन्तु वहां तेज़ हवाओं, ताज़े पानी की कमी और अच्छी मिट्टी के अभाव में वहां से निकल जाना पड़ा। हालांकि वहीं पर पहली बार ऑस्ट्रेलिया के आदिवासियों से आमना-सामना भी हुआ। इक्कीस जनवरी को नाव में बैठकर कप्तान फिलिप दूसरी जगह ढूँढने निकला, पोर्ट जैकसन उसे ठीक लगा और अंततः छब्बीस जनवरी 1788 को जहाज़ों ने वहाँ लंगर डाल दिया। कप्तान फिलिप ने इसे नया नाम दिया 'सिडनी कोव' और ब्रिटेन का झंडा फहरा कर औपचारिक रूप से उसे ब्रिटेन की बस्ती के रूप में घोषित कर दिया। तबसे लेकर आज तक ऑस्ट्रेलिया वासी इस नए राष्ट्र के उदय की खुशी में ऑस्ट्रेलिया डे मनाते हैं।
== आक्रमण दिवस के रूप में ==
 
जहां एक ओर ऑस्ट्रेलिया डे का उत्सव मनाया जाता है, वहीं दूसरी ओर ऑस्ट्रलिया के मूल निवासी आदिवासी एबोरीजल्स इसे एक दूसरे रूप में मनाते हैं। यूरोपीय लोगों के आने के इस दिन को वे मूल आदिवासी संस्कृति और प्रकृति के विनाश के रूप में मनाते हैं और 1938 में इसे शोक दिवस यानि ‘डे ऑफ़ मौर्निंग’ कहकर पुकारा गया परन्तु लोगों के आपत्ति करने के कारन इसे बाद में आक्रमण दिवस 'इन्वेज़न डे' या ‘सर्वाइवल डे’ के नाम से पुकारा गया। हालांकि अब एबोरीजल्स स्वयं को ऑस्ट्रेलिया का ही एक हिस्सा मानते हैं और ऑस्ट्रलियन सरकार ने उनके हित में विशेष सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं, परन्तु ये उनका इतिहास को याद रखने का एक प्रयास है ।