"लहजा (भाषाविज्ञान)": अवतरणों में अंतर

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भाषाविज्ञान में '''लहजा''' (अंग्रेजी: ''accent'', एक्सेंट) बोलचाल में उच्चारण के उस तरीक़े को कहते हैं जिसका किसी व्यक्ति, स्थान, समुदाय या देश से विशेष सम्बन्ध हो । उदहारण के तौर पर कुछ दक्षिण-पूर्वी हिंदी क्षेत्र के ग्रामीण स्थानों में लोग 'श' की जगह पर 'स' बोलते हैं, जिसकी की वजह से वह 'शहर' और 'अशोक' की जगह 'सहर' और 'असोक' बोलतें हैं - इसे उस क्षेत्र का देहाती लहजा कहा जा सकता है । व्यक्तिगत स्तर पर तुतलाने को भी एक बोलने का लहजा कहा जा सकता है ।
 
== इन्हें भी देखें ==