"तोबा झील": अवतरणों में अंतर
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यह अनुमान लगाया जाता है के इस विस्फोट के कारण विश्व में उस समय मौजूद अधिकतर मनुष्य मारे गए थे और मनुष्यजाति हमेशा के लिए नष्ट होने के बहुत क़रीब आ पहुंची थी. हिंद उपमहाद्वीप के पूरे क्षेत्र को इस विस्फोट से अत्यंत हानि हुई जिसमे इस क्षेत्र के सारे जंगल और वनस्पति जीवन नष्ट हो गये. इस पूरे इलाक़े पर राख की मोती परत फैल गयी जो आज भी सारे भारत और पाकिस्तान में ज़मीन के नीचे पायी जाती है.
==इन्हें भी
* [[ज्वालामुखी]]
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