"ग़": अवतरणों में अंतर
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==घोष कण्ठ्य संघर्षी==
ग़ को [[भाषाविज्ञान]] के नज़रिए से ''घोष कण्ठ्य संघर्षी'' वर्ण कहा जाता है (अंग्रेजी में इसे ''वाएस्ड वेलर फ़्रिकेटिव'' कहते हैं).
==ग़लत उच्चारण==
'ग़' की ध्वनी का उच्चारण कईं लोग ग़लती से 'ग' से मिलता-जुलता कर देते हैं. इस से कभी-कभी शब्दों का अर्थ बदल कर ग़लत अर्थ निकल आता है. उदहारण के लिए [[पंकज उधास]] के गाये एक गीत की शुरुआत है -
:''साग़र से सुराही टकराती, बादल को पसीना आ जाता''<br>
:''तुम ज़ुल्फ़ अगर लहरा देतीं, सावन का महिना आ जाता''<br>
'साग़र' का मतलब 'गिलास' होता है, ख़ासकर वह गिलास जिसमे शराब पी जा रही हो. यहाँ एक शराब के गिलास की सुराही से टकराने की बात की जा रही है. लेकिन अगर 'साग़र' को 'सागर' बोला जाए तो यह एक बेमतलबी सी पंक्ति बन जाती है जिसमे किसी समुद्र से एक सुराही से टकराने की बात की जा रही है.
==इन्हें भी देखिये==
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