"हैदराबाद": अवतरणों में अंतर

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१६वीम शताब्दी और शुरुआती १७वीं शताब्दी में, जैसे जैसे कुतुब शाही राजवंश की शक्ति और सत्ता बढती गयी, हैदराबाद हीरों के व्यापार का केंन्द्र बनता गया । महारानी एलीजाबेथ
के राजमुकुट में जड़ा विश्व में सर्वाधिक प्रसिद्ध कोह-ए-नूर, गोलकुंड़ा की हीरों की खानें से ही निकला है । कुतुब शाही राजवंश ने हैदराबाद में हिन्दुस्तानी-फारसी और हिन्दुस्तानी-
इस्लामी साहित्य के विकास में भी सहयोग किया । कुछ सुल्तान स्थानीय तेलगू संस्कृति के संरक्षक भी माने जाते हैं । १६वीं शताब्दी में शहर गोल्कुंडा की जनसंख्या के बसने के लिये
बढा और फ़लतः कुतुब शाही शासकों की राजधानी बन गया । हैदराबाद अपने बागों और सुखद मौसम के लिये जाना जाने लगा ।
१६८७ में, मुगल शासक ऒरंगजेब ने हैदराबाद पर अधिकार कर लिया । इस कम समय के मुगल शासन के दॊरान, हैदराबाद का सॊभाग्य क्षय होने लगा । जल्द ही, मुगल शासक
के द्वारा नियुक्त शहर के सूबेदार ने अधिक स्वायत्ता पा ली । १७२४ में असफ़ जाह प्रथम , जिसे मुगल सम्राट ने "निजाम-ए-मुल्क" का खिताब दिया था, ने एक विरोधी अधिकारी
को हैदराबाद पर अधिकार स्थापित करने में हरा दिया । इस तरह आसफ़ जाह राजवंश का प्रारंभ हुआ, जिसने हैदराबाद पर भारत की अंग्रेजों से स्वतंत्रता के एक साल बाद तक
शासन किया । आसफ़ जाह के उत्तराधिकारीयों ने हैदराबाद पर राज्य किया, वे निजाम कहलाये । इन सात निजामों के राज्य में हैदराबाद सांस्कृतिक और आर्थिक दोनों भांति
विकसित हुआ । हैदराबाद राज्य की आधिकारिक राजधानी बन गया और पुरानी राजधानी गोलकुंडा छोंड़ दी गयी । बड़े बड़े जलाशय जैसे कि निजाम सागर, तुंगबाद्र, ओसमान
सागर, हिमायत सागर और भी कई बनाये गये । नगार्जुन सागर के लिये सर्वे भी इसी समय शुरु किया गया, जिसे भारत सरकार ने १९६९ में पूरा किया ।
 
[[Sultan Quli Qutb Mulk]] was the founder of the [[Qutb Shahi dynasty]], the ruling family of the [[Golconda Sultanate]]. The dynasty, previously a feudatory of [[Bahmani sultanate]], declared independence in 1512. [[Muhammad Quli Qutb Shah]], a ruler of the dynasty, founded the city of Hyderabad on the banks of the [[Musi River]] in 1591;<ref name="Olson_Shadle_1996">{{cite book |title=Historical Dictionary of the British Empire |last=Olson |first=JS and R Shadle |pages=544 |year=1996 |publisher=Greenwood |isbn=0-31329-366-X }}</ref> this relocation was intended to relieve a water shortage the dynasty had experienced at their old headquarters at [[Golkonda]].<ref name="Aleem_1984">{{cite book |title=Developments in Administration Under H.E.H. the Nizam VII |last=Aleem |first=S |pages=243 |year=1984 |publisher=Osmania University Press }}</ref> He also ordered the construction of the [[Charminar]], the iconic monument of the city, in 1591, reportedly in gratitude to the almighty for arresting the plague epidemic before it did irreversible damage to his new city.<ref name="Bansal_2005">{{cite book |title=Encyclopaedia of India |last=Bansal |first=SP |pages=61 |year=2005 |publisher=Smriti |isbn=8-18796-771-4 }}</ref>