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(जनवरी 2017) |
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विश्वदर्शनम् मलयालम भाषा के विख्यात साहित्यकार जी. शंकर कुरुप द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1963 में मलयालम भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।[1]