कुलाधिपति किसी महाविद्यालय या विश्वविद्यालय का प्रमुख होता है, जो विश्वविद्यालय का आमतौर पर या तो कार्यकारिणी या आनुष्ठानिक प्रमुख होता है।

अधिकांश राष्ट्रमण्डल देशों में कुलाधिपति विश्वविद्यालय का नाम का प्रमुख होता है। ऐसी स्थितियों में विश्वविद्यालय का मुख्य कार्यकारी अधिकारी उप कुलाधिपति होता है। ,राज्य विश्वविद्यालयों में राज्यपाल की भूमिका,

राज्य विश्वविद्यालयों में राज्यपालों की भूमिका:

ज़्यादातर मामलों में, राज्य के राज्यपाल उस राज्य के विश्वविद्यालयों के पदेन कुलाधिपति होते हैं। राज्यपाल के रूप में वह मंत्रिपरिषद की सहायता और सलाह से कार्य करता है, कुलाधिपति के रूप में वह स्वतंत्र रूप से मंत्रिपरिषद से कार्य करता है तथा विश्वविद्यालय के सभी मामलों पर निर्णय लेता है। केंद्रीय विश्वविद्यालयों का मामला: केंद्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम, 2009 और अन्य विधियों के तहत, भारत के राष्ट्रपति एक केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलाध्यक्ष होंगे। दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता करने तक सीमित उनकी भूमिका के साथ, केंद्रीय विश्वविद्यालयों में कुलाधिपति नाममात्र के प्रमुख होते हैं, जिन्हें राष्ट्रपति द्वारा आगंतुक के रूप में नियुक्त किया जाता है। कुलपति को भी केंद्र सरकार द्वारा गठित खोज और चयन समितियों द्वारा चुने गए नामों के पैनल से विज़िटर द्वारा नियुक्त किया जाता है। अधिनियम में यह भी कहा गया है कि राष्ट्रपति को कुलाध्यक्ष के रूप में विश्वविद्यालयों के शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक पहलुओं के निरीक्षण को अधिकृत करने और पूछताछ करने का अधिकार होगा।

CM राज्यपाल को विधानसभा मे बिल पारित कर पास करा कर राज्यपाल को चासलर के पद से हटा सकता है पश्चिम बंगाल मे अब राज्य संचालित यूनिवर्सिटी मे राज्यपाल की जगह ममता बनर्जी या पश्चिम बंगाल का CM होगा चासलर पश्चिम बंगाल यूनिवर्सिटी क़ानून संसोधन बिल पेश करने के बाद ममता बनर्जी अब पश्चिम बंगाल यूनिवर्सिटी की चासलर बन गयी है यह बिल राज्यपाल ओ. प. धनकड़ ने पास कर दिया है केरल यूनिवर्सिटी लॉ बिल 2022 केरल विधानसभा मे 3 दिसंबर को पेश किया गया इस बिल के पारित होने से राज्यपाल को राज्य यूनिवर्सिटी के चासलर बनाये जाने की व्यवस्था को ख़त्म किया अब राज्यपाल की जगह शिक्षाविद की न्युक्ति होंगी