विश्वास बढ़ता ही गया (काव्य)
विश्वास बढ़ता ही गया शिवमंगल सिंह सुमन की रचना है।
शिवमंगल सिंह 'सुमन' की कृतियाँ
पद्य कृतियाँ- हिल्लोल । जीवन के गान । प्रलय-सृजन । विश्वास बढ़ता ही गया । पर आँखें नहीं भरीं । विंध्य हिमालय । मिट्टी की बारात।
गद्य कृतियाँ- महादेवी की काव्य साधना । नाटक- प्रकृति पुरुष कालिदास