विश्व संविधान और संसद संघ
वैश्विक लोकतंत्र के लिए काम कर रहा संगठन
विश्व संविधान और संसद संघ (डब्ल्यूसीपीए) की स्थापना १९५८ में प्रोफेसर फिलिप इस्ली और उनकी पत्नी मार्गरेट इस्ली, ऑफ डेनवर कोलोराडो, ने की थी, जो कि पृथ्वी के संघ के लिए संविधान बनाने और संविधान के तहत लोकतांत्रिक विश्व सरकार को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया था।[1][2]
संक्षेपाक्षर | विसंसंसं |
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स्थापना | 1958 |
संस्थापक |
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स्थापना हुई | डेनवर, कोलोराडो |
उद्देश्य |
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नारा | वसुधैव कुटुम्बकम् |
ध्येय | शांति की स्थापना |
जालस्थल | ef-gov.org |
पूर्व नाम |
विश्व संविधान सम्मेलन के लिए विश्व समिति |
पृथ्वी महासंघ एक लोकतांत्रिक, गैर-सैन्य, संघीय विश्व सरकार है जो शांति की स्थापना और पर्यावरणीय समस्याओं को हल करने पर आधारित है।[3] इसके तीन सदन हैं (पीपल्स-काउंसलर-नेशंस), द वर्ल्ड एग्जीक्यूटिव, द वर्ल्ड ज्यूडिशियरी, द वर्ल्ड एडमिनिस्ट्रेशन और स्पिरिचुअल लाइजनस।[4]
इन्हें भी देखें
संपादित करें- शक्तियों का पृथक्करण
- एकात्मक राज्य (unitary state)
बाहरी कडियाँ
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "विश्व संविधान और संसद संघ के बारे में रेडफोर्ड विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर विवरण". मूल से 13 दिसंबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 23 मई 2020.
- ↑ India, The Face of (2022-12-12). "विश्व सरकार: कितना व्यावहारिक?". The Face of India. मूल से 30 मई 2023 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2023-06-08.
- ↑ "This is not the first time that Vasudhaiva Kutumbakam has been used in a logo; read on to find out". Free Press Journal (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2023-06-08.
- ↑ "विश्व संविधान और संसद संघ (डब्ल्यूसीपीए)". मूल से 19 दिसंबर 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 23 मई 2020.